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भोपाल3 घंटे पहले
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- अधिवेशन व सम्मान समारोह में सामने आई पीड़ा
कोरोना संक्रमण के कारण आम जनता ही नहीं, बल्कि साधु संत भी परेशान हैं। मंदिरों में श्रद्धालुओं के न पहुंचने की वजह से साधु-संतों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। चढ़ावा नहीं आने से मंदिरों के रखरखाव में कई तरह की परेशानी आ रही है। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए।
यह बात आर्याव्रत षटदर्शन साधु मंडल और आचार्य परिषद के 42वें दो दिवसीय अधिवेशन और सम्मान समारोह में आए साधु संतों ने विचार-विमर्श के दौरान रखीं। दरअसल, कोटरा स्थित पीताम्बरा मां बगलामुखी शक्तिपीठ में शनिवार से शुरू अधिवेशन में साधु संतों की विभिन्न समस्याओं को लेकर भी विचार मंथन किया गया।
आर्याव्रत षटदर्शन साधु मंडल के महंत रवीन्द्रदास महाराज ने कहा कि कोरोना काल के कारण इन दिनों पंडित व पुजारियों की हालत दिन पर दिन खराब हो रही है। क्योंकि करीब नौ महीने से भक्तों का मंदिर आना कम हो गया है। वर्तमान में न के बाराबर श्रृध्दालु आ रहे है। जिससे मंदिर में चढ़ावा की राशि भी कम हो गई है।
तो वहीं सरकार अन्य वर्ग को जरूरी सुविधाएं दे रही है। लेकिन पुजारी, साधु, संत, महंतों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। चढ़ावे की राशि से जो छोटे-छोटे मंदिरों की व्यवस्थाएं की जाती थी, वह भी नहीं हो रही है। इस ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए। न तो राज्य सरकार न ही केंद्र सरकार कोई भी साधु संतों की समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है।