‘हरि’ पर भारी ‘हारी’: इमरती देवी को पूर्व मंत्री बताकर बंगला खाली करने का नोटिस देने वाले अफसर को हटाया, दूसरे आदेश में बताया मंत्री

‘हरि’ पर भारी ‘हारी’: इमरती देवी को पूर्व मंत्री बताकर बंगला खाली करने का नोटिस देने वाले अफसर को हटाया, दूसरे आदेश में बताया मंत्री


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ग्वालियर22 मिनट पहले

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झांसी रोड पर शासकीय बंगला 44-ए इसी को लेकर है पूरा विवाद

  • नोटिस जारी करने वाले कार्यपालन यंत्री को किया भोपाल अटैच
  • इमरती देवी अभी मंत्री हैं या नहीं, लोक निर्माण विभाग को ही नहीं पता था

इमरती देवी और उनका शासकीय बंगला एक बार फिर चर्चा में है। जिस बंगले को खाली करने लोक निर्माण विभाग ने शनिवार को इमरती देवी को नोटिस दिया था उसे चंद घंटों बाद यह कहकर निरस्त कर दिया कि उन्हें जानकारी का आभाव था। मतलब लोक निर्माण विभाग को ही नहीं पता कि इमरती देवी अभी मंत्री हैं या नहीं। इस घटनाक्रम के बाद नोटिस जारी करने वाले प्रभारी कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा को भोपाल कार्यालय अटैच कर दिया गया है। चर्चा यह है कि अधिकारी ओम ‘हरि’ शर्मा पर भारी चुनाव ‘हारी’ इमरती देवी भारी रही।

इमरती देवी को बंगला खाली करने दिए नोटिस को निरस्त करने निकाला गया नया आदेश

इमरती देवी को बंगला खाली करने दिए नोटिस को निरस्त करने निकाला गया नया आदेश

हाल ही में हुए उपचुनाव में इमरती देवी सुमन डबरा विधानसभा सीट से अपने ही रिश्तेदार सुरेश राजे से चुनाव हारी हैं। वह प्रदेश सरकार में मंत्री रहते हुए चुनाव लड़ी थीं। उनके पास झांसी रोड के मानिक विकास कॉलोनी में 44-ए नंबर का शासकीय बंगला था। इमरती देवी के मंत्री पद और बंगले में रहने पर काफी चर्चा हो रही थी। इसी बीच शनिवार को लोक निर्माण विभाग ने एक नई हलचल पैदा कर दी थी। उन्होंने नोटिस जारी कर इमरती देवी को बंगला खाली करने के लिए कहा था। नोटिस की भाषा यह थी कि यह बंगला मंत्री कार्यकाल की अवधि के लिए आपको दिया गया था। वर्तमान में आपके पास कोई पद नहीं है इसलिए अब इसे खाली कर लोक निर्माण विभाग को सौंपा जाए। इमरती देवी ने नोटिस मिलने की बात कुबूल करते हुए यह सवाल खड़ा किया था कि अभी उनका मंत्री पद से इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है तो बंगला खाली करने कैसे नोटिस दिया जा सकता है। नोटिस पर इतनी चर्चा हुई कि चंद घंटों में ही विभाग को अपना निर्णय बदलना पड़ा। लोक निर्माण विभाग से आनन-फानन में शनिवार रात को ही नया पत्र तैयार किया गया जिसे रविवार सुबह जारी कर दिया गया। जिसमें बंगला खाली करने के नोटिस को निरस्त करने की बात थी।

एक दिन पहले इमरती को बंगला खाली करने भेजा गया था यह नोटिस

एक दिन पहले इमरती को बंगला खाली करने भेजा गया था यह नोटिस

पूर्व मंत्री से इमरती देवी फिर हो गई मंत्री !

बंगला खाली करने के नोटिस के जवाब में जब निरस्त करने का आदेश जारी किया तो उसमें लिखा है कि जानकारी के अभाव में आपको नोटिस भेजा गया था। जिसे निरस्त किया जाता है। पहले बंगला खाली करने का नोटिस लोक निर्माण विभाग संभाग-1 के प्रभारी कार्यपाल यंत्री ओमहरि शर्मा ने जारी किया था। उनको तत्काल प्रभाव से भोपाल कार्यालय अटैच कर दिया गया है। एक दिन पहले बंगला खाली करने के लिए भेजे गए नोटिस में इमरती देवी को पूर्व मंत्री बताया गया था लेकिन इस नोटिस को निरस्त करने वाले आदेश में मंत्री लिखा गया है। पहले मंत्री में उन्हें तत्कालीन कैबिनेट मंत्री लिखकर संबोधित किया गया था तो दूसरे पत्र में कैबिनेट मंत्री संबोधित किया गया है।



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