फर्जीवाड़ा पड़ा भारी: जबलपुर में फर्जी जेडीए अध्यक्ष बने आरोपी की कटेगी जेल में रातें, फर्जीवाड़ा के चार महीने बाद बहन के घर से गिरफ्तार

फर्जीवाड़ा पड़ा भारी: जबलपुर में फर्जी जेडीए अध्यक्ष बने आरोपी की कटेगी जेल में रातें, फर्जीवाड़ा के चार महीने बाद बहन के घर से गिरफ्तार


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जबलपुर21 मिनट पहले

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आरोपी अब्दुल महमूद रंगरेज

  • ओमती थाने में दर्ज था धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा का मामला, चल रहा था फरार

फर्जी दस्तावेज तैयार कर खुद काे जेडीए अध्यक्ष बताने वाले आरोपी की रात अब जेल में कटेगी। ओमती पुलिस ने आरोपी को सोमवार को बरगी से गिरफ्तार किया। पुलिस उसे चार महीने से तलाश रही थी। वह बरगी में सालीवाड़ा में बहन के घर फरारी काट रहा था। ओमती पुलिस को खबर लगी तो उसने बरगी पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अपने वाहन में भी जेडीए अध्यक्ष लिखवा कर घूमता था। यहीं नहीं वह एक आदेश लेकर जेडीए कार्यालय भी पहुंचा था, जिसमें खुद को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त होना बताया था। इस आदेश की जांच हुई तो उसकी पोल खुल गई।

ओमती थाना

ओमती थाना

जानकारी के अनुसार सराफा रोड फूटाताल निवासी अब्दुल महमूद रंगरेज (राशन वाला) के खिलाफ 27 जुलाई को ओमती थाने में धोखाधड़ी व फर्जी दस्तावेज तैयार करने का प्रकरण दर्ज हुआ था। तब से वह फरार चल रहा था। कांग्रेस के शासन कॉल में वह 22 फरवरी को जारी एक आदेश पत्र लेकर जेडीए कार्यालय में पहुंचा था। आदेश पत्र मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन की ओर से जारी होना बताया गया था। आदेश पत्र में रंगरेज को जेडीए अध्यक्ष के साथ राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया था।
वह पहुंचा था जेडीए का निरीक्षण करने
इस आदेश के क्रम में उसने बुलेट पर जेडीए अध्यक्ष लिखवा लिया। वह जेडीए में पहुंच कर कर्मियों की जांच और मीटिंग के लिए कहता था। जेडीए की ओर से इस पत्र की जांच कराई गई। सामान्य प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया कि आदेश पत्र फर्जी है। 29 जून 2020 को सामान्य प्रशासन विभाग ने लिखित जवाब भेजा। इसके बाद 27 जुलाई को जेडीए के पत्र के आधार पर ओमती थाने में उसके खिलाफ मामला दर्ज हुआ था। तब से वह फरार चल रहा था।
शासन के पत्र के आधार पर हुई थी कार्रवाई
एसआई सतीश झारिया ने बताया कि शासन के आदेश के बाद रंगरेज के खिलाफ कार्रवाई हुई। उसके खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 भादवि का प्रकरण दर्ज हुआ था। कई बार उसके फूटाताल स्थित घर में दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिला। सोमवार को पता चला कि वह बरगी में बहन के घर छिपा है। बरगी पुलिस को भेज कर उसे गिरफ्तार किया गया। उसे कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया।



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