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- It Was Expensive To Give Notice To Vacate The Bungalow By Calling Imrati A Former Minister, PWD’s EE Bhopal Attached
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ग्वालियर2 घंटे पहले
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मंत्री इमरती देवी का बंगला
- 2 दिसंबर काे लाेक निर्माण के कार्यपालन यंत्री अाेमहरि शर्मा ने दिया था नाेटिस
- सीएम से शिकायत की ताे 5 काे नाेटिस निरस्त किया अाैर अगले ही दिन शर्मा काे ग्वालियर से हटाया
उपचुनाव में डबरा विधानसभा क्षेत्र से पराजित हुईं प्रदेश की कैबिनेट मंत्री इमरती देवी को सरकारी बंगला खाली करने के लिए नोटिस देना लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा को महंगा पड़ा। शर्मा को रविवार सुबह ग्वालियर से हटाकर भोपाल स्थित प्रमुख अभियंता कार्यालय में अटैच कर दिया गया। विभाग के उप सचिव प्रबल सिपाहा ने ये आदेश जारी करते हुए श्री शर्मा का प्रभार मुख्य अभियंता, ग्वालियर उत्तर परिक्षेत्र में पदस्थ कार्यपालन यंत्री आरके गुप्ता को दे दिया है।
ऐसे चला घटनाक्रम, नोटिस मिलने के बाद दिल्ली जाकर सिंधिया से मिलीं इमरती और वहीं से सीएम से शिकायत कराई
ईई ओमहरि शर्मा ने 2 दिसंबर को एक नोटिस इमरती देवी के नाम से जारी किया था। जिसमें उन्हें इमरती को तत्कालीन कैबिनेट मंत्री के तौर पर संबोधित कर लिखा- आपके नाम से झांसी रोड स्थित 44 ए बंगला आपके मंत्री रहने तक के लिए आवंटित किया गया था।
वर्तमान में आपके पास कोई पद नहीं है इसलिए इस बंगले का अधिपत्य लोक निर्माण विभाग को दें। ये नोटिस जारी होने के बाद इमरती देवी नाराज हो गईं। बताते हैं कि वह दिल्ली में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलीं और वहीं से इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की। इस कारण 5 दिसंबर काे नया आदेश जारी कर नाेटिस काे निरस्त कर दिया गया। यही नहीं रविवार काे ओमहरि शर्मा को भोपाल अटैच कर दिया गया।
3 दिन में अफसरों का पता चला- इमरती अभी मंत्री
लाेक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक-1 के कार्यपालन यंत्री ओमहरि शर्मा ने 2 दिसंबर को जो नोटिस जारी किया था, उसमें इमरती देवी को पूर्व मंत्री बताया गया। वहीं इस नोटिस को निरस्त करने के लिए जो आदेश 5 दिसंबर की रात को निकाला गया, उसमें इमरती देवी को कैबिनेट मंत्री बताया गया है।
इस नोटिस में कार्यपालन यंत्री ने ये भी माना है कि पिछला नोटिस जानकारी के अभाव में भेजा गया है। जानकारी के अनुसार चुनाव हारने के बाद इमरती देवी ने मंत्री पद से इस्तीफा मुख्यमंत्री के पास भेज दिया था लेकिन अभी ये इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।