होमगार्ड जवानों ने शिवराज सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया.
होमगार्ड जवानों (Home guard Jawans) का कहना है कि उन्हें साल में 10 महीने ही ड्यूटी दी जाती है. 2 महीने ड्यूटी नहीं मिलने के दौरान उनके सामने परिवार चलाने को लेकर संकट खड़ा हो जाता है.
कमलनाथ सरकार के दौरान होमगार्ड के जवानों ने आंदोलन किया था. तब बीजेपी ने इनके आंदोलन का समर्थन किया था. जवानों का आरोप है कि प्रदेश में अब बीजेपी की सरकार है फिर भी उनकी मांग को नहीं सुना जा रहा है. सरकार ने उन्हें पूरे साल ड्यूटी देने का वादा किया था. लेकिन सिर्फ 10 महीने ही ड्यूटी दिया जाता है. 2 महीने ड्यूटी नहीं मिलने के दौरान उनके सामने परिवार की रोजी-रोटी को लेकर संकट खड़ा हो जाता है.
प्रदेश में थानों से लेकर विधायक, मंत्री और अफसरों के बंगलों पर होमगार्ड के जवान सुरक्षा में तैनात हैं. प्रदेश भर में 13000 होमगार्ड के जवान हैं. इनमें से 10,000 जवान ऐसे हैं जिन्हें 3 साल में 1 महीने की छुट्टी बिना वेतन के दी जाती है, जबकि 3000 से जवान ऐसे हैं जिन्हें साल में 2 महीने बिना वेतन के छुट्टी पर भेज दी जाती है. इन 3000 जवानों का विरोध इसी बात को लेकर है कि कोर्ट के निर्देश के बावजूद सरकार उनकी मांग को क्यों नहीं मान रही.