- Hindi News
- Local
- Mp
- Jabalpur
- In Jabalpur, Two Traders’ Godowns Were Filled With Paddy In Sacks, Midnight SDM Raided, 2100 Bags Of Paddy Seized
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
जबलपुर6 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
गोदाम में इस तरह भरी मिली धान की बोरियां
- मझौली में देर रात दो गोदामों की जांच करने पहुंचे थे एसडीएम
- खरीद फरोख्त संबंध दस्तावेज पेश नहीं कर पाए व्यापारी
एसडीएम ने मझौली में दो व्यापारियों के गोदामों पर छापा मारा। दोनों ही गोदामों में 2100 बोरी धान जब्त हुई। दोनों गोदाम सील करते हुए अधिकारियों ने व्यापारियों के सुपुर्दगी में धान रखवा दिया है। व्यापारी धान के संबंध में कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। आशंका है कि ये किसानों से औने-पौने कीमत पर या दूसरे राज्यों से सस्ते में धान खरीद कर स्टोर किया है। ये मिलीभगत कर इस धान को समर्थन मूल्य पर बेचने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
गोदाम में किया था स्टोर
एसडीएम सीपी गोहल ने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू होने के बाद से ही लगातार चैकिंग की जा रही है। पूर्व में जिले में 12 ट्रक से अधिक धान दूसरे राज्यों की पकड़ी जा चुकी है। इसी क्रम में सूचना मिली थी कि मझौली में दो व्यापारी भी अवैध तरीके से अपने गोदाम में धान स्टोर कर रखा है। उनके पास इसका कोई दस्तावेज नहीं है। इसी सूचना पर सोमवार देर रात दो बजे टीम ने दोनों गोदामों पर छापा मारा।

छापा के बाद मौके पर पंचनामा बनाते एसडीएम व तहसीलदार
साहू बंधू के गोदाम में मिली 2100 बोरी
तहसीलदार मझौली श्याम नंदन चंदेले ने बताया कि कलेक्टर कर्मवीर शर्मा को जानकारी देने के बाद टीम रवाना हुई। प्रेमलाल साहू के गोदाम की सबसे पहले जांच की गई। वहां 1300 बोरी धान मिला। इसके बाद टीम ने पास ही अजय साहू के गोदाम की जांच की तो वहां भी 800 बोरी धान जब्त किया गया। दोनों व्यापारी हैं, लेकिन इसके बारे में कोई दस्तावेज पेश नहीं कर पाए। पंचनामा बनाकर दोनों गोदाम संचालकों के सुपुर्दगी में धान रखवा दिया गया है। मंगलवार को दस्तावेज लेकर दोनों को बुलाया गया था, लेकिन दोपहर ढाई बजे तक वे नहीं पहुंचे।
साढ़े लाख टन होना है धान की खरीदी
जिले में 10 तहसीलों में कुल 43 हजार 36 किसानों से इस बार साढ़े चार लाख टन धान की खरीदी होनी है। छह हजार 737 हेक्टेयर में धान की बुआई का पंजीयन हुआ है। जिले में कुल 110 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। सरकार किसानों से 1868 रुपए की दर से धान की खरीदी कर रही है। इसी का फायदा उठाने की जुगत में कुछ व्यापारी हैं। प्रशासन ने सत्यापन के दौरान एक हजार से अधिक फर्जी किसानों का नाम हटा दिया, लेकिन अब भी बड़ी संख्या में ये बचे हुए हैं। व्यापारी सस्ते में खरीदा गया धान लाकर समर्थन मूल्य पर बेचने की कवायद में जुटे हैं।