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नर्मदापुरम संभाग21 घंटे पहले
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प्रतिकात्मक फोटो
- जब सरकारी खरीदी, तब ही मंडियों में मिलता है एमएसपी के करीब दाम
किसान संगठनों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी (मिनिमम सपोर्ट प्राइज यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी है। आंदोलनकारियों का मानना है कि नए कानून लागू होने के बाद बड़े कॉर्पोरेट जमाखोरी कर फसल बहुत कम दामों पर खरीदेंगे। भास्कर ने नर्मदापुरम संभाग की मंडियों से जानकारी जुटाई कि एमएसपी सरकार ने घोषित किया हुआ है।
बावजूद किसानों काे कितना दाम मिल रहा है। सामने आया कि संभाग में सभी जगह फसलें एमएसपी से नीचे ही खरीदी जा रही हैं। गेहूं और मक्का मंडी में अधिकतम भाव एमएसपी से 500 रु. कम है। एमएसपी का फायदा तब मिलता है जब सरकार खरीदी करती है। खरीदी बंद रहने पर भाव कम मिलते हैं। जैसे धान की खरीदी हो रही है तो मंडी में भी भाव एमएसपी के आसपास हैं। अन्य फसलें सरकार नहीं खरीद रही है तो भाव कम है।
धान की सरकारी खरीदी तो एमएसपी के आसपास भाव
पिपरिया : मक्का का एमएसपी 1850, बिका 1090 से 1325 में : यहां मंडी में धान काे छाेड़कर बाकी फसल समर्थन मूल्य से कम दामों पर बिक रही है। मक्का का समर्थन मूल्य 1850 रुपए है। मंडी में मक्का न्यूनतम 1090 और अधिकतम में 1325 बिकी है। गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रु.है। यहां 1400 से 1520 रु. में बिका। चना 3700 से 4470 और मूंग 4500 से 7500 तक बिक रही है।
बैतूल : 20 हजार क्विंटल मक्का आई, अधिकतम भाव 536 रु. कम : यहां मक्का 1314 और सोयाबीन 4201 रुपए क्विंटल बिका है। सोमवार को मक्का की बंपर आवक हुई। 20 हजार 260 क्विंटल मक्का लेकर किसान पहुंचे। दाम 991 से 1314 रुपए क्विंटल रहे। जबकि एमएसपी 1850 रु. है। गेहूं की आवक 5484 क्विंटल और दाम अधिकतम 1557 रुपए क्विंटल रहे। एमएसपी 1975 है।
हरदा : एमएसपी से 638 रु. कम भाव : यहां सोमवार को 650 क्विंटल मक्का न्यूनतम 1101 और अधिकतम 1212 रु. के भाव बिकी। एमएसपी से 638 रु. कम भाव मिले। 1444 क्विंटल गेहूं का न्यूनतम मूल्य 1400 और अधिकतम 1624 रु. रहा। यह गेहूं के एमएसपी 1975 रु. से 351 रु. कम है।