Indore : कलेक्टर मनीष सिंह की डांट से बीमार हुए CMHO, मीटिंग से रोते हुए बाहर निकले

Indore : कलेक्टर मनीष सिंह की डांट से बीमार हुए CMHO, मीटिंग से रोते हुए बाहर निकले


कलेक्टर स्वास्थ्य विभाग के काम की समीक्षा कर रहे थे.

सीएमएचओ (CMHO) डॉ प्रवीण जड़िया ने सफाई दी. उन्होंने कहा छोटे अधिकारी को डांटने का अधिकार कलेक्टर (Collector) को है.लेकिन मामला ये है कि कुछ दिन पहले ही उनके हार्ट का ऑपरेशन हुआ है. मीटिंग के बाद चेस्ट में पेन हो रहा था, इसीलिए निजी अस्पताल में रुटीन चैकअप के लिए गया था.

इंदौर.इंदौर (Indore) में कलेक्टर मनीष सिंह की डांट से सीएमएचओ (CMHO) डॉक्टर प्रवीण जड़िया बीमार पड़ गए. वो मीटिंग से रोते हुए बाहर निकले. उन्हें साथी डॉक्टरों ने निजी अस्पताल तक पहुंचाया. वहां चैकअप के बाद डॉ जड़िया घर पहुंचे और फिर वे 5 दिन के अवकाश पर चले गए.

दरअसल मामला इंदौर ज़िले में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा का था. कलेक्ट्रेट में कलेक्टर मनीष सिंह ज़िले में स्वास्थ्य सेवाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे. समीक्षा के दौरान उन्हें पता चला कि प्रसूति सहायता सहित दूसरे काफी काम समय पर नहीं हुए. सब पेंडिंग हैं तो वो नाराज़ हो गए. वो इतने गुस्से में आ गए कि पेंडेंसी को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जड़िया को मीटिंग में ही फटकार लगा दी.

साथी डॉक्टरों ने दिया सहारा
भरी मीटिंग में कलेक्टर से इस तरह डांट की डॉ जड़िया को उम्मीद न थी.सबके सामने इस अपमान को वो सह नहीं पाए और वो रोते हुए मीटिंग हॉल से बाहर आ गए. CMHO डॉ जड़िया ने सीने में दर्द की शिकायत की और बाहर निकलते ही चेयर पर बैठ गए. उनकी ये हालत देखकर साथी डॉक्टरों ने उन्हें संभाला. साथी डॉक्टर पकड़कर बाहर तक लाए. डॉ जड़िया ने चैकअप कराया और फिर और वहां से 5 दिन की छुट्टी पर चले गए.कलेक्टर ने कहा-CMHO अच्छे आदमी

कलेक्टर मनीष सिंह ने कहा, ये रुटीन रिव्यू मीटिंग थी.जिला स्वास्थ्य अधिकारी का एक्टिव रहना जरूरी है.सीएमएचओ के अंडर में प्रसूति सहायता के कई प्रकरण हैं.कोविड मैनेजमेंट की बहुत सी चीजें हैं. इसके अलावा भी अन्य कई जिम्मेदारियां हैं.ऐसे में जिला अधिकारी गलती करेगा,तो उन्हें डांटना जरूरी है,तभी जनता को रिलीफ मिलेगा.आम जनता के प्रति सभी को अपना दायित्व समझना होगा.वे व्यक्ति अच्छे हैं,लेकिन जिस मेहनत से हम चाहते हैं,वे उस मेहनत से काम नहीं कर पाते.इसका कारण मुझे समझ नहीं आया. कलेक्टर के मुताबिक प्रसूति सहायता मिलने वाली राशि के साथ ही जननी सुरक्षा में लगी गाड़ियों के भी करीब ढाई हजार मामले पेंडिंग हैं. इसी की जानकारी डॉ जड़िया से मांगी गई थी.

CMHO ने दी सफाई
बाद में इस मामले में सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया ने सफाई दी. उन्होंने कहा छोटे अधिकारी को डांटने का अधिकार कलेक्टर को है.लेकिन मामला ये है कि कुछ दिन पहले ही उनके हार्ट का ऑपरेशन हुआ है. मीटिंग के बाद चेस्ट में पेन हो रहा था, इसीलिए निजी अस्पताल में रुटीन चैकअप के लिए गया था. वहां ईको सहित कुछ जांच करवाई है. सब कुछ ठीक है. उन्होंने बताया कि तबियत ठीक नहीं होने के कारण वो पांच दिन के अवकाश पर जा रहे हैं.





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