दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल हुए क्रिकेटर मनदीप सिंह (Mandeep Singh/Instagram)
मनदीप किसान आंदोलन के साथ जुड़ने के साथ ही पहले ऐसे एक्टिव क्रिकेटर बन गए हैं, जो इस आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं. मनदीप ने भारत के लिए तीन टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं. वह दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Delhi Singhu Border) पर किसानों का समर्थन करने के लिए पहुंचे .
- News18Hindi
- Last Updated:
December 9, 2020, 11:14 AM IST
मनदीप सिंह ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, ”मैं उन सभी वरिष्ठ नागरिकों को अपना समर्थन दिखाने के लिए वहां गया, जो इस ठिठुरा देने ठंड में शांति से बैठकर अपना विरोध जता रहे हैं.” इसी के साथ मनदीप इस विरोध प्रदर्शन में अपना समर्थन देने के साथ पंजाब की हाई प्रोफाइल हस्तियों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जो किसान आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं.
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इससे पहले इस विरोध प्रदर्शन के समर्थन में बॉक्सर विजेंदर सिंह ने किसानों को अपनी आवाज दी. वहीं, पंजाब के मुक्केबाजों कौर सिंह, गुरबख्श सिंह संधू और जयपाल सिंह ने पहले अपने पदम श्री, द्रोणाचार्य पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार को वापस करने का फैसला किया. पंजाब फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नाम भी इस आंदोलन को अपना सपोर्ट दे रहे हैं.यूएई में इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन के दौरान मनदीप सिंह ने अपने पिता को खोया था. उन्होंने कहा, ”अगर मेरे पिता आज जीवित होते तो वह इस आंदोलन में शामिल होने के लिए जरूर आते. उन्हें आज गर्व हो रहा होगा कि उनके बेटे अपनी तरफ से कोशिश कर रहे हैं.” मनदीप अपने बड़े भाई हरविंदर सिंह के साथ दिल्ली की सीमा पर हो रहे किसान आंदोलन में शामिल हुए.
इससे पहले भारतीय मूल के प्रो- रेसलर जिंदर महल, समीर सिंह और सुनील सिंह ने भी भारत में चल रहे किसान आंदोलन को अपना सपोर्ट दिया था. उन्होंने इंस्टाग्राम पर इस आंदोलन के सपोर्ट में पोस्ट शेयर किया था. पूर्व डब्ल्यूडब्ल्यूई चैंपियन जिंदर महल ने इस आंदोलन की एक तस्वीर शेयर कर लिखा था कि वह पंजाब के किसानों के साथ खड़े हैं और इस आंदोलन को सपोर्ट करते हैं. वहीं, सिहारा बंधुओं ने पंजाब के थ्रोबैक फोटो पोस्ट किए, जिसमें उन्होंने भारत के किसानों के साथ खड़े होने की भी बात कही.
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बता दें कि पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान एक हफ्ते से अधिक समय तक दिल्ली के विभिन्न सीमावर्ती स्थानों पर रुककर नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं. किसान नए कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं. उससे कम पर वो कोई समझौता करने को तैयार नहीं हैं. दरअसल, किसानों को सबसे बड़ा डर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP- Minimum Support Price) खत्म होने का है. इस बिल के जरिए सरकार ने कृषि उपज मंडी समिति (APMC-Agricultural produce market committee) यानी मंडी से बाहर भी कृषि कारोबार का रास्ता खोल दिया है.