- Hindi News
- Local
- Mp
- Bhopal
- I Am Not A Role Model, I Am A Role Model Myself, I Gave Theater The First Place In My Life And Even Today My Priority Is Theater
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भोपाल7 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
वरिष्ठ रंगकर्मी अजय मलकानी।
- वरिष्ठ रंगकर्मी अजय मलकानी से खास बातचीत
युवा ग्लैमर की चमक-दमक को देखकर इस क्षेत्र में न आएं। सिर्फ अच्छी बॉडी बना लेने और लुक से कोई एक्टर नहीं बन जाता। एक्टिंग एक साधना है। पहले इसमें तपना पड़ता है, तब जाकर कहीं एक कलाकार बनता है। रुचि से मिशन और मिशन से प्रोफेशन बनता है, इसलिए रुचि के आधार पर ही करियर चुनें। यह कहना है वरिष्ठ रंगकर्मी अजय मलकानी का। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) से ग्रेजुएट मलकानी इन दिनों भोपाल स्थित मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय आए हुए हैं। वे यहां नौवें बैच के विद्यार्थियों की आर्ट ऑफ डायरेक्शन की क्लास ले रहे हैं।
बुधवार को दैनिक भास्कर से चर्चा में उन्होंने बताया कि सभी विद्यार्थी पुराने बैच के हैं। संयोग से इस बैच के सिलेक्शन के दौरान मैं एक्सपर्ट की भूमिका में था, इसलिए इनसे मेरा विशेष लगाव है। बच्चे टैलेंटेड हैं। यहां से निकलकर बेहतर रंगकर्म करेंगे। उन्होंने बताया कि मैं बनारस का रहना वाला हूं। मुझे थिएटर के संस्कार बचपन से घर से ही मिले। मेरी सात बहनें थीं और सातों थियेटर करतीं थी। उन्होंने कहा कि ग्लोबल बनने के लिए अंग्रेजी जरूरी है, लेकिन मातृ भाषा और अपनी बोली पर युवकों को फोकस करना चाहिए।
जीवन में थियेटर को ही पहला स्थान दिया
मेरा कोई रोल मॉडल नहीं, मैं खुद रोल मॉडल हूं। 1986 में एनएसडी से निकलने के बाद रांची में आकर अपना थियेटर ग्रुप ‘युवा रंगमंच” ज्वाइन कर लिया और देश भर के नाट्य विद्यालयों में अतिथि व्याख्यात के रूप में पढ़ाने जाता हूं। कोरोना काल पर चर्चा करते हुए आर्टिस्ट ने बताया कि इसका असर सबसे ज्यादा प्रभाव नाट्य कलाकारों पर हुआ है। सरकारों ने भी इस ओर ध्यान नहीं। इसके साथ ही शादी- विवाह में गाने-बजाने वाले फोक आर्टिस्ट और जनजातीय भाइयों को खाने तक की दिक्कत हुई है। वहीं, शहरी रंगकर्मी भी बहुत परेशान हुए हैं। मैंने अपने जीवन में थिएटर को ही पहला स्थान दिया और आज भी मेरी प्राथमिकता थिएटर ही है।