शहडोल में अब तक 18 बच्चों की मौत: एक और बच्चे ने दम तोड़ा, स्वास्थ्य मंत्री ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को हटाया

शहडोल में अब तक 18 बच्चों की मौत: एक और बच्चे ने दम तोड़ा, स्वास्थ्य मंत्री ने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को हटाया


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भोपाल12 मिनट पहले

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शहडोल में लगातार हो रही बच्चों की मौतों से भोपाल तक हड़कंप मच गया है। (फाइल फोटो)

शहडोल जिले के बुढ़ार में मंगलवार को फिर एक चार महीने के बच्चे की मौत हो गई। अमलाई के रहने वाले बच्चे के पिता मनोज ने आरोप लगाया कि अस्पताल पहुंचे तो एमडी मैडम विजिट पर आने वाली थी, इस कारण बिना इलाज के ही हमें बाहर भगा दिया गया। इधर, शहडोल में 18 मासूमों की जान जाने के बाद आखिर सरकार और प्रशासनिक अमला जागा और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की सुध ली।

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश पांडे और सिविल सर्जन डॉ. व्ही एस बारिया को मौके से ही तत्काल हटाने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य मंत्री के सामने जिला अस्पताल के एसएनआईसीयू और एनआरसी में भर्ती शिशुओं के परिजनों से चर्चा में हकीकत सामने आ गई। मंत्री 23 दिन के मृत मासूम के परिजनों से मिलने धनपुरी पहुंचे, जिसके बाद कार्रवाई की गई।

पिता ने कहा- बच्चे को भर्ती नहीं किया, डॉक्टर बोले- पहले ही मर चुका था बच्चा
स्वास्थ्य केंद्रों में अफसरों की टीम के पहुंचने के पहले बुढ़ार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में चार महीने के मासूम बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि एमडी मैडम छवि भारद्वाज की विजिट का बोलकर हमारे बच्चे को भर्ती नहीं किया। सीएचसी बुढ़ार के चिकित्सक डॉ. निशांत मिश्रा ने कहा कि परिजन बच्चे को मृत अवस्था में लेकर आए थे। मैंने और बीएमओ दोनों ने बच्चे का चेकअप किया। उसकी रास्ते में ही मौत हो चुकी थी। बच्चे की मौत पर एनएचएम एमडी ने कहा कि वे डॉक्टरों से जानकारी लेंगी।

रैफर करने के लिए मना किया
जमीनी स्तर पर व्यवस्था ठीक नहीं है। नवजात शिशु को रिस्क पीरियड से निकालने का बदलाव करेंगे। सभी एमओ को स्पष्ट किया है कि रैफर नहीं करना है।
– छवि भारद्वाज, एनएचएम एमडी

रैफर के लिए नहीं रोक सकते
उमरिया, अनूपपुर में टेली मेडिसिन और प्राइमरी इलाज की व्यवस्था करेंगे। ये मुमकिन नहीं है कि सभी मरीजों को रैफर करने से रोका जा सके।
– प्रभुराम चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री



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