शिवराज का पटनायक को खत: मुख्यमंत्री शिवराज ने एमपी की ‘सुंदरी’ के लिए ओडिशा के सीएम को लिखा खत

शिवराज का पटनायक को खत: मुख्यमंत्री शिवराज ने एमपी की ‘सुंदरी’ के लिए ओडिशा के सीएम को लिखा खत


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

भोपाल4 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक
  • सीएम शिवराज ने लिखा है कि सुंदरी को लेने के लिए एमपी से एक टीम भेजी जाएगी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओडिशा से मध्य प्रदेश की सुंदरी वापस मांगी है। उन्होंने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को इस संबंध में एक चिट्ठी लिखी है। वो उसे लेने के लिए मध्यप्रदेश से एक टीम भेजेंगे। सीएम शिवराज की बाघों को लेकर चिंता सामने आई है। उन्होंने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को बाघों की चिंता पर पत्र लिखा है. सीएम शिवराज ने अपने पत्र में बाघिन सुंदरी को लौटाने का अनुरोध किया है। ये वही सुंदरी बाघिन है जो 2018 में बाघ पुनर्वास योजना के तहत मध्य प्रदेश से ओडिशा के सत्कोसिया टाइगर रिजर्व एरिया भेजी गई थी।

साथी की मौत

बाघ पुनर्वास योजना के तहत ओडिशा सरकार के अनुरोध पर मध्य प्रदेश सरकार ने 2018 में बाघ-बाघिन का एक जोड़ा ओडिशा को सौंपा था, लेकिन कुछ ही दिन बाद सत्कोसिया टाइगर रिजर्व में सुंदरी के साथी नर बाघ की मौत हो गई। उसके बाद मादा बाघिन सुंदरी को लोगों ने नुकसान पहुंचाया। इसलिए सुंदरी को नवंबर 2018 में बाड़े में कैद कर दिया गया। तब से वो बाड़े में ही बंद है। ये खबर आने के बाद शिवराज सरकार ने यह माना कि सत्कोसिया टाइगर रिजर्व में सुंदरी का रखरखाव वन्यजीव अधिनियम के मानकों के तहत नहीं हो रहा है। इसलिए बाघिन के व्यवहार में भी बदलाव आ रहा है।

मध्यप्रदेश से जाएगी टीम

सीएम शिवराज ने यह जानकारी मिलने पर ओडिशा के मुख्यमंत्री पटनायक को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि सुंदरी को एमपी को वापिस भेज दिया जाए। उसे लेने के लिए मध्य प्रदेश से विशेषज्ञ दल ओडिशा भेजा जाएगा। सुंदरी को यहां लाकर फिर से खुले जंगल में छोड़ने पर विचार किया जाएगा।

यह वही खत है जो मप्र के सीएम ने ओडिशा के सीएम को लिखा है

यह वही खत है जो मप्र के सीएम ने ओडिशा के सीएम को लिखा है

यह वही खत है जो मप्र के सीएम ने ओडिशा के सीएम को लिखा है

यह वही खत है जो मप्र के सीएम ने ओडिशा के सीएम को लिखा है

यह लिखा है खत में मप्र के सीएम ने ओडिशा के सीएम को

आदरणीय श्री पटनायक जी,

सादर नमस्कार

देश में बाघ संरक्षण कार्यक्रम को मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से ओडिशा राज्य के सतकोसिया टाइगर रिजर्व में बाघ पुर्नस्थपना कार्यक्रम के अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार द्वारा राज्यों की सीमाओं से परे जाकर सोचते हुए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार के अनुरोध पर ओडिशा राज्य को वर्ष 2018 में एक बाघ युगल प्रदान किया गया था।

दुर्भाग्यवश सतकोसिया टाइगर रिजर्व, ओडिशा में नर बाघ की मृत्यु हो गई और मादा बाघिन (सुंदरी) द्वारा जनहानि किए जाने फलस्वरूप निर्मित परिस्थितियों के कारण नवंबर, 2018 से बाघिन को बाड़े में रख दिया गया। समाचार-पत्रों के माध्यम से राज्य सरकार के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया है कि सतकोसिया टाइगर रिजर्व में सुन्दरी बाघिन का रख रखाव वन्य जीव अधिनियम के मानकों के अनुरूप नहीं है जिसके के कारण वह नैसर्गिक व्यवहार प्रदर्शित नहीं कर पा रही है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 के प्रारंभिक माह में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार के अनुरोध पर मध्य प्रदेश से विशेषज्ञ दल भेजकर उक्त बाघिन को पुन राज्य में लाकर मुक्त किए जाने की संभावनाओं पर विचार किया गया था किन्तु विशेषज्ञ दल ने यह पाया कि सुंदरी बाघिन के लंबी अवधि तक बाड़े में रहने और निरन्तर मानव की उपस्थिति की आदि होने के फलस्वरूप खुले वन क्षेत्र में मुक्त करने पर बाघिन एवं नागरिकों दोनों की सुरक्षा को खतरा होना संभावित है। उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए विशेषज्ञों के दृष्टिकोण से सुंदरी बाघिन को अपेक्षाकृत बड़े आकार के टाइगर सफारी इनक्लोजर में रखे जाने का विकल्प उपयुक्त पाया गया है। मैं आपको अवगत कराना चाहूंगा कि मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़ एवं पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ सफारी के निर्माण हेतु राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा सैद्धांतिक अनुमति प्रदान की जा चुकी है। जब तक उक्त सफारी का निर्माण नहीं होता तब तक सुंदरी बाघिन को स्थायी रूप से कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला केंद्र में रखा जाना है। वर्तमान में घोरेला केंद्र में एक अनाथ बाघ शावक प्रशिक्षणरत है जिसे उपयुक्त वन क्षेत्र में मुक्त करने के उपरांत सुंदरी को इस केन्द्र में रखा जाएगा और टाइगर सफारी बनने के उपरांत विशेषज्ञों के परामर्श अनुसार आगामी निर्णय लिया जाएगा।

अत: मेरा आपसे अनुरोध है कि जब तक मध्यप्रदेश के कान्हा टाईगर रिजर्व के घोरेला केन्द्र में बाघिन को वापस रखने की परिस्थितियां निर्मित होती हैं, तब तक सुंदरी बाघिन की पर्याप्त देख-भाल एवं उसे अनुकूल वातावरण प्रदान किए जाने के संबंध में सर्वसंबंधितों को समुचित निर्देश देना चाहेंगे।

मुझे विश्वास है क‍ि इस कार्य में आपका सहयोग सदैव प्राप्त होता रहेगा।

सादर शिवराज सिंह चौहान



Source link