विराट कोहली की कप्तानी में पिछली बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर मात दी थी. सचिन तेंदुलकर ने एएनआई से बातचीत में कहा, ”विराट कोहली की गैरमौजूदगी में रोहित शर्मा को जल्द से जल्द पहुंचने की जरूरत है. इशांत शर्मा की गैरमौजदूगी में टी नटराजन को टेस्ट टीम में शामिल किया जा सकता है और सबसे जरूरी, अगर डे-नाइट टेस्ट बाद में होता तो चार मैचों की सीरीज में भारत को परिस्थितियों में आगे बढ़ने में मदद मिलती.”
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सचिन तेंदुलकर ने कहा, ”विराट कोहली वापस आ रहे हैं. ऐसे में एक स्थान खाली होने जा रहा है. जहां एक सीनियर खिलाड़ी जो लंबे समय से रहा है, जिसने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है, वहां नहीं होगा. और इसमें कोई शक नहीं है. लेकिन यह टीम के बारे में है, एक व्यक्ति के बारे में नहीं. वह खिलाड़ी चोटिल भी हो सकता था, ऐसे में दूसरे टेस्ट में आपको उस खिलाड़ी के बिना ही जाना होता. मैं इसे काल्पनिक रूप से कह रहा हूं, मैं कभी भी ऐसा नहीं चाहूंगा. मैं यह कह रहा हूं कि जब आपकी टीम का एक महत्वपूर्ण सदस्य चोटिल होता है, तो टीम को उसके बिना खेलना होगा.”सचिन तेंदुलकर ने दिया अनिल कुंबले का उदाहरण
उन्होंने आगे कहा, ”मुझे याद है कि वेस्टइंडीज में एक टेस्ट में, जब अनिल कुंबले चोटिल हो गए थे. हम आगे के टेस्ट उनके बिना खेले थे. उस वक्त अनिल कुंबले मुख्य बॉलर थे. इस तरह की चुनौतियों का सामना हमें करना पड़ सकता हैं. ऐसे में हमें इनके लिए तैयार रहना चाहिए. यह टीम के लिए हैं. विराट कोहली पहले टेस्ट के बाद वहां नहीं होंगे, लेकिन टीम को वहां से आगे बढ़ना होगा. हमारे पास बेंच स्ट्रेंथ है और यही भारतीय क्रिकेट की खूबसूरती है कि अब हमारे पास बेंच स्ट्रेंथ हैं. कुछ खिलाड़ियों के पास मौका होगा कि वह देश के लिए कुछ करें. बिना किसी संदेह के विराट के वहां ना होने की कमी खलेगी, लेकिन यह टीम के बारे में हैं किसी एक व्यक्ति के नहीं.”
रोहित शर्मा फिट होते हैं तो उन्हें ऑस्ट्रेलिया में होना चाहिए
सचिन ने कहा, ”मुझे रोहित शर्मा की फिटनेस के बारे में नहीं पता है. इसके बारे में बीसीसीआई और रोहित जानते हैं. वह दोनों एक-दूसरे के साथ संपर्क में हैं और साथ ही फिजियों और टीम मैनेजमेंट के साथ भी. वही इस बारे में सही जवाब दे सकते हैं. अगर रोहित शर्मा सभी फिटनेस टेस्ट पास कर लेते हैं तो रोहित जैसे खिलाड़ी को ऑस्ट्रेलिया में होना चाहिए. यदि वह सभी मापदंडों को पूरा करते हैं तो उन्हें वहां होना चाहिए.”
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सचिन बोले- टीम इंडिया के पास है अच्छी बेंच स्ट्रेंथ
भारत के गेंदबाजी विभाग के बारे में बात करते हुए सचिन तेंदुलकर ने कहा, ”इशांत भी वहां नहीं होंगे, लेकिन हमारे पास अच्छी बेंच स्ट्रेंथ है. और इस बात को एक बार फिर से दोहराना चाहूंगा कि यह टीम के बारे में हैं, किसी एक व्यक्ति के बारे में नहीं. हां… अलग-अलग व्यक्ति साथ आकर ही टीम बनाते हैं, लेकिन अगर कोई एक व्यक्ति अनफिट है या उपलब्ध नहीं है तो यह टीम का हिस्सा है.”
सचिन तेंदुलकर ने की टी नटराजन की तारीफ
यह पूछने पर कि क्या वह टी नटराजन को शानदार सीमित ओवरों की सीरीज के बाद टेस्ट टीम में शामिल करने के लिए बुलाएंगे? भारत के पूर्व कप्तान ने कहा कि चयनकर्ताओं का फैसला था. नटराजन के बारे में बात करते हुए सचिन ने कहा, ”उन्होंने शानदार परफॉर्म किया. अब यह चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट पर है कि वह उन्हें बुलाते हैं या नहीं. मैं निर्णयों को प्रभावित करने में विश्वास नहीं करता.”
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सचिन बोले- पिंक बॉल टेस्ट बाद में होता तो अच्छा रहता
पिंक बॉल टेस्ट पर बात करते हुए सचिन ने कहा, ”आप सीरीज के पहले मैच के रूप में गुलाबी गेंद टेस्ट खेलते हैं या दूसरे या तीसरे या चौथे, यह ऑस्ट्रेलिया में गुलाबी गेंद के साथ आपका पहला टेस्ट होगा. यह निश्चित रूप से मदद करता अगर इस सीरीज में पिंक बॉल टेस्ट तीसरा या चौथा टेस्ट होता, क्योंकि हम लंबे समय के बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं. इसलिए जब आप लंबे समय के बाद टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं तो आप परिचित स्थिति और समय चाहते हैं. मेरे हिसाब से डे नाइट टेस्ट में टाइम अलग होता है (नॉर्मल टेस्ट मैच से), जो खिलाड़ियों के लिए थोड़ा मुश्किल होता है. पिंक बॉल टेस्ट के रूप में आखिरी टेस्ट खेलने से पहले कम से कम एक या दो गेम होते तो अच्छा रहता.”