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- Four Female Mayors In 20 Years; Unreserved Woman For The First Time, But No Longer A Strong Leader, Leaders Will Fight Wives
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सागर5 घंटे पहले
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- सागर में 40 हजार से ज्यादा ब्राह्मण-जैन मतदाता, इन्हें साधकर ही मिलेगी महापौर की कुर्सी
नगरीय निकाय महापौर/अध्यक्ष पद का आरक्षण बुधवार को भोपाल के मिंटो हाल में किया। सागर में महापौर पद के लिए सीट को महिला (अनारक्षित) किया है। यानी इस बार किसी भी वर्ग की महिलाएं चुनाव लड़ सकती हैं। वर्ष 2000 के बाद से जनता महापौर चुन रही हैं। इन 20 साल में यह पहली बार जब सागर महापौर सीट महिला (अनारक्षित) की गई है।
इसके पहले 2014 में यह सीट ओबीसी के लिए आरक्षित हुई थी। वर्ष 2021 के चुनाव में सागर सीट से पांचवी महिला महापौर चुनी जाएंगी। उधर, सीट आरक्षण के बाद अब सामान्य वर्ग की महिलाओं को लेकर अभी से जातिगत समीकरण बैठाने को लेकर जद्दोजहद शुरू हो गई हैं। दरअसर, सागर शहर के 40 से ज्यादा वार्डों में ब्राहाण और जैन समाज का बाहुल्य है। इसके चलते इस सीट पर दोनों समाजों में से एक का प्रतिनिधित्व करने वाली महिला को इस बार चुनाव में उतारा जा सकता है।
कई नेता पत्नी को मैदान में उतारने की कर रहे फील्डिंग: कई नेता चुनावी मैदान में उतारने का मन बनाए हुए थे, लेकिन महिला सीट के आरक्षित होने के बाद अब वे अपनी पत्नी को मैदान में उतारने के लिए एक्टिव हो गए हैं। दरअसल, शहर में ऐसी कोई सशक्त नेत्री नहीं हैं। इसी के चलते आरक्षण के साथ ही कुछ ऐसे भी नेता रहे, जिन्होंने अपनी पत्नी का नाम सोशल मीडिया पर चलाना शुरू कर दिया तो एक नेता अपनी पत्नी को टिकट दिलाने की मांग को लेकर मंत्री भूपेंद्र सिंह के पास ही जा पहुंचे। फिलहाल अभी चुनाव की तारीख घोषित नहीं की गई हैं।
तीन महिला और एक किन्नर पहले रह चुकी हैं महापौर
वर्ष 1983 में सागर नगर निगम के अस्तित्व में आने के बाद से अभी तक तीन महिला और किन्नर महापौर रह चुकी हैं। महिलाओं में मनोरम गौर, अनीता अहिरवार और पुष्पा शिल्पी के नाम शामिल हैं तो एक बार निर्दलीय उम्मीदवार किन्नर कमला बुआ इस सीट से चुनाव जीतीं थीं, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गईं। हालांकि अनीता अहिरवार चुनाव नहीं लड़ी थी। दरअसल, वे किन्नर कमला बुआ के कार्यकाल में लगी जाति प्रमाण पत्र की आपत्ति के कारण उन्हें शासन वोटिंग प्रतिशत के हिसाब से महापौर बना दिया था। इसके बाद उपचुनाव में पुष्पा शिल्पी चुनावी जीतीं थीं।
अभी तक रह चुके सागर के यह महापौर
नवीन कुमार जैन वर्ष 1983 से 1984 तक
हुकुमचंद चौधरी वर्ष 1984 से 1985 तक
उत्तमचंद खटीक वर्ष 1985 से 1987 तक
लोकमन खटीक वर्ष 1995 से 1997 तक
राजाराम अहिरवार वर्ष 1997 से 1998 तक
लोकमन खटीक वर्ष 1998 से 2000 तक
(इन सभी महापौरों को पार्षदों द्वारा चुना गया था)
मनोरमा गौर वर्ष 2000 से 2005 तक
प्रदीप लारिया वर्ष 2005 से 2010 तक
किन्नर कमला बुआ वर्ष 2010 से 2011 तक
अनीता अहिरवार वर्ष 2012 से 2014 तक
पुष्पा शिल्पी वर्ष 2014 से 31 दिसंबर 2014
अभय दरे वर्ष 2015 से 2020 तक
(इन सभी महापौरों को जनता द्वारा चुना गया था)
बिलहरा, सुरखी में अभी नियुक्त होंगे प्रशासक
नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा नवगठित नगरीय निकायों में समस्त शक्तियों और कर्तव्यों के निर्वहन के लिए प्रशासक नियुक्त करने को लेकर कलेक्टर को अधिकृत किया है। प्रशासकों की नियुक्ति आम निर्वाचन होने और नवीन परिषद द्वारा कार्यभार ग्रहण करने तक के लिए की गई है। इसमें सागर जिले की बिलेहरा, सुरखी परिषद शामिल है।
शहर की पहली महिला महापौर का अनुभव
चुनौती, संघर्ष रहता है पर धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो जाती है
इस पद के लिए चुनौती और संघर्ष जरूर रहता है, लेकिन धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य हो जाती हैं। पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने कहा है कि महिला कभी हारती नहीं है, उसे हराया जाता है। जमाना क्या कहेगा, यह कहकर डराया जाता है। शहर में यहां बहुत सी ऐसी महिलाएं है, जिनमें कुशल नेतृत्व की क्षमता है। याद रहे इसी शहर का नेतृत्व विधायक और महापौर रहते हुए महिलाएं कर चुकी हैं।
(पहली महिला पूर्व महापौर मनोरमा गौर से विशेष चर्चा)