भोपाल महापौर : क्या बीजेपी-कांग्रेस फिर देगी इन दिग्गज नेताओं को टिकट

भोपाल महापौर : क्या बीजेपी-कांग्रेस फिर देगी इन दिग्गज नेताओं को टिकट


कांग्रेस की विधा पटेल और बीजेपी की कृष्णा गौर दोनों भोपाल महापौर रह चुकी हैं.

कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) पहले ही युवाओं को मौका देने की पैरवी कर चुके हैं. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा (V D Sharma) एक व्यक्ति एक पद की पैरवी कर रहे हैं.

भोपाल.नगरीय निकाय आरक्षण में भोपाल महापौर (Mayor) की सीट ओबीसी (OBC) वर्ग में महिला के लिए आरक्षित होने के बाद अब बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) में दावेदारों को लेकर चर्चाओं के दौर तेज हो गए हैं. हालांकि दोनों पार्टियों में ओबीसी महिला के लिए ऐसे चर्चित चेहरे हैं जो पहले भी महापौर रह चुके हैं. लेकिन अब सवाल यह है कि क्या दोनों पार्टियां इन दोनों चेहरों के अलावा किसी और विकल्प पर विचार करेंगी या फिर मुकाबला इन्हीं के बीच होगा.

भोपाल की राजनीति में सक्रिय ओबीसी वर्ग की महिला नेत्रियों की बात करें तो बीजेपी की तरफ से गोविंदपुरा सीट से मौजूदा विधायक कृष्णा गौर हैं जो इससे पहले मेयर भी रह चुकी हैं. वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस से ओबीसी महिला चेहरे की बात करें तो विभा पटेल का चेहरा सामने है. विभा पटेल भोपाल की पहली महिला महापौर रह चुकी हैं. दोनों ही राजनीति में सक्रिय हैं. हालांकि महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी को लेकर खुलकर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं हैं. लेकिन अंदर ही अंदर राजनीतिक बिसात बिछने लगी है.

News 18 की सीधी बात
नगरीय निकाय आरक्षण के बाद न्यूज़ 18 ने दोनों महिला नेत्रियों से बातचीत की. पूर्व मेयर और बीजेपी विधायक कृष्णा गौर ने मेयर पद की दावेदारी पर कहा कि पार्टी अगर उन्हें दावेदार बनाने का फैसला लेगी तो आदेश को मानूंगी. पार्टी पहले ऐसे उम्मीदवार पर विचार करेगी जो सामान्य कार्यकर्ता हो. अगर बेहतर उम्मीदवार नहीं मिलेगा तब अन्य विकल्प पर विचार किया जाएगा. हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है कि विधायक मेयर का चुनाव नहीं लड़ सकता. पिछली बार इंदौर में मालिनी गौड़ विधायक रहते हुए भी मेयर का चुनाव लड़ी थीं. वहीं कांग्रेस नेत्री और भोपाल की पहली महिला मेयर विभा पटेल ने News 18 से बातचीत में कहा कांग्रेस पार्टी पूरी दम से चुनाव लड़ेगी. हालांकि टिकट के लिए कांग्रेस आलाकमान तय करेगा. उम्मीदवार जिसे टिकट मिलेगा उसके लिए हर कार्यकर्ता पूरे दम से लड़ेगा.

पुराने पर दांव या कोई नया ?
हालांकि इन दो चेहरों की संभावित दावेदारी से इतर सवाल यह भी खड़ा हो रहा है कि क्या बीजेपी और कांग्रेस इन दोनों पुराने चेहरों पर दांव लगाएगी या फिर कोई नया विकल्प तलाशा जाएगा. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पीसीसी अध्यक्ष कमल नाथ पहले ही युवाओं को मौका देने की पैरवी कर चुके हैं. वहीं बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा एक व्यक्ति एक पद की पैरवी कर रहे हैं. ऐसे में देखना है कि आखिर मौका किसे मिलता है.





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