कोरोना में मुनाफाखोरी: 30 रुपए के एन-95 मास्क पर एमआरपी 249; सांस समस्या दूर करने वाला 26 हजार का इंजेक्शन 40 हजार में

कोरोना में मुनाफाखोरी: 30 रुपए के एन-95 मास्क पर एमआरपी 249; सांस समस्या दूर करने वाला 26 हजार का इंजेक्शन 40 हजार में


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इंदौर20 घंटे पहलेलेखक: संजय गुप्ता

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200-249 रुपए एमआरपी पर बिक रहा है एन-95 मास्क आम लोगों के लिए

  • स्टॉकिस्ट जिस कीमत पर दवा उपलब्ध करा रहे एमआरपी उससे 300 गुना तक ज्यादा

कोरोना के इलाज में मुनाफाखोरी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। एन-95 मास्क दुकानों पर 200 रुपए से ज्यादा में मिल रहा है, जबकि अधिकतर कंपनियां स्टॉकिस्ट को मात्र 30 रुपए में दे रही हैं। स्टॉकिस्ट 50 से 100 रुपए में दुकानों को पहुंचा रहे हैं, जबकि एमआरपी मूल कीमत से 8 गुना ज्यादा 200 से 249 रुपए है। पल्स ऑक्सीमीटर से लेकर कोरोना की दवाइयां दो-तीन गुना अधिक कीमत पर बिक रही हैं।

कलेक्टर मनीष सिंह ने भी रेमडेसिविर इंजेक्शन पर 20 फीसदी मुनाफा लेने की एडवाइजरी जारी की थी। क्वालिटी ड्रग संचालक डॉ. मकरंद शर्मा कहते हैं कि लैब, अस्पताल, दवा दुकान मुनाफा कम कर लें तो इलाज का खर्च 50 फीसदी तक कम हो सकता है।

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इम्यूनोसिन अल्फा: इम्युनिटी बढ़ाने- स्टॉकिस्ट को करीब 3 हजार में मिलता है, एमआरपी 34 फीसदी ज्यादा 4 हजार रुपए दर्ज है।
मिथाइल प्रिडनिसोलोन: स्टेरायड, दवाओं का असर बढ़ाता है- कंपनी से 90 रुपए में मिलता है, एमआरपी 300 फीसदी ज्यादा 270 रुपए।
फेवीपिरावीर 400: कोरोना उपचार की प्रारंभिक टेबलेट- 970 रुपए में कंपनी से, एमआरपी 35 फीसदी ज्यादा 1300 रुपए।
ह्यूमन नाॅर्मल इम्यूनो ग्लोबिन: एंटीबॉडी बढ़ाने कंपनी से 5800 में, 275 गुना ज्यादा एमआरपी 16 हजार।
टोसलीजुमुबाब इंजेक्शन: लंग्स इंफेक्शन दूर करने, 28 हजार का है, एमआरपी 144 फीसदी ज्यादा 40545 रुपए।
पल्स आक्सीमीटर: आक्सीजन स्तर जांचने, कंपनी से 400 से 600 में मिलता है एमआरपी 2000 रुपए तक।

जांच भी महंगी- रैपिड किट पर भी 3-4 गुना मुनाफा
कोरोना टेस्टिंग के लिए कंपनियां एक साथ 500 से ज्यादा रैपिड किट मंगाने पर एक किट करीब 265 रुपए में दे रही है। इसी किट से टेस्ट कराने के लिए 900 से 1200 रुपए वसूले जा रहे हैं। शासन भी अधिक दरों पर ही निजी लैब को भुगतान कर रहा है।



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