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- The Obstetricians Were Lying On The Ground, The Collector Was Furious And The Excuse Of CS Had Said For A Walk, The Reality: The Bed Was Low
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भिंड2 घंटे पहले
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अस्पताल के गलियारे में प्रसव पीड़ित महिला के लिए बिछी चटाई।
- कायाकल्प अभियान के फायनल सर्वे से पहले अचानक जिला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर, गंदगी देखकर भड़के
कलेक्टर डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत गुरुवार को अचानक जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां प्रसूति वार्ड में जमीन पर प्रसूताओं को लेटा हुआ देखकर कलेक्टर भड़क गए। उन्होंने सिविल सर्जन डॉ. अनिल गोयल से पूछा- ये क्या है? इस पर डॉ. गोयल ने बहाना बनाते हुए कहा कि इन्हें अभी लेबर पेन (प्रसव पीड़ा) हो रहा है। इसलिए टहलने के लिए बोला है लेकिन ये लेट गईं। इसके बाद जब कलेक्टर ने आगे मेटरनिटी वार्ड का निरीक्षण किया तो पता चला कि वहां पलंग ही कम हैं। इस पर कलेक्टर ने मेटरनिटी विंग के पीछे काफी साल पुराने बने सर्वेंट क्वार्टर को गिरवाकर वहां 100 बिस्तर का नया वार्ड बनाने के निर्देश दिए।
दरअसल बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सभी कलेक्टर, एसपी से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए चर्चा की थी, जिसमें उन्होंने कामकाज को लेकर कड़े निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के बाद गुरुवार को कलेक्टर सक्रिय दिखाई दिए। वे सुबह करीब 10.30 बजे जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां उन्होंने रेन बसेरा में गंदगी मिलने पर सीएमओ पर नाराजगी जताते हुए वहां तैनात कर्मचारी को तत्काल हटाने के निर्देश दिए। साथ ही सफाई ठीक न होने पर ठेकेदार पर जुर्माना भी लगाया।
सफाई कम मिलने पर एजेंसी पर लगाया जुर्माना:कलेक्टर को निरीक्षण के दौरान जिला अस्पताल में संतोषजनक सफाई नहीं मिली। इस पर भी उन्होंने सीएस पर नाराजगी जताई, जिस पर सीएस ने जिला अस्पताल की सफाई की जिम्मेदारी संभाल रही प्रथम एजेंसी पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया। कलेक्टर ने मेडिकल वार्ड भी देखा। जहां भी उन्होंने पलंगों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा।
नए स्पेशल वार्ड में अच्छी व्यस्था देख कहा- यहीं शिफ्ट करें आईसीयू
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने पुराना आईसीयू वार्ड देखा। इसके बाद जब वे नए स्पेशल वार्ड पहुंचे तो वहां की अच्छी व्यवस्थाएं देख वे प्रसन्न हो गए। इस पर उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि वे आईसीयू को इसी वार्ड में शिफ्ट करें। यहां बता दें कि इस वार्ड में 15 पलंग है। सभी पर सेंट्रल ऑक्सीजन सहित आधुनिक सुविधाएं होने के साथ पूरी तरह से संक्रमणरहित है।
जन्म-मृत्यु पंजीयन कक्ष में कर्मचारी से पूछा- रिश्वत तो नहीं लेते
जिला अस्पताल के कक्ष क्रमांक 49 नंबर में संचालित जन्म मृत्यु पंजीयन शाखा में भी कलेक्टर पहुंचे। यहां तैनात कर्मचारी से उन्होंने पूछा कि रिश्वत तो नहीं लेते। इस पर उक्त कर्मचारी अवाक रह गया। उसने हड़बड़ाते हुए कहा- नहीं सर। इस पर कलेक्टर बोले- ध्यान रखना, यदि शिकायत आ गई तो कड़ी कार्रवाई करूंगा। हालांकि यही सवाल मरीजों से पूछा जाता तो शिकायतें मिल सकती थीं।
सीएमओ बोले- हमारी नई बिल्डिंग पर अस्पताल प्रबंधन ने किया कब्जा
जिला अस्पताल परिसर में बने रैन बसेरा में बिना चादर के बिस्तर और दीवाराें पर गुटखा की पीक के निशान देखकर कलेक्टर नाराज हो गए। इस पर सीएमओ सुरेंद्र शर्मा ने कहा- साहब, हमारी नई बिल्डिंग पर अस्पताल प्रबंधन ने कब्जा कर लिया है और हमें यह पुरानी बिल्डिंग दे दी। कलेक्टर ने पहले उनकी बात को अनसुना कर दिया। इसी दौरान कलेक्टर ने रैन बसेरा प्रभारी को बुलाया तो वे भी अनुपस्थित थे। इस पर कलेक्टर ने फिर नाराजगी जताई तो सीएमओ ने पुरानी बिल्डिंग वाली बात दोहराई।
यह सुनकर कलेक्टर गुस्सा होते हुए बोले- किसी ने किसी की बिल्डिंग पर कब्जा नहीं किया है। सभी सरकार के लिए काम कर रहे हैं। यहां जो भी अव्यवस्थाएं हैं, उन्हें तत्काल दुरुस्त कराएं। साथ ही जो कर्मचारी अनुपस्थित मिला है, उसे हटाएं। यहां बता दें कि नगरपालिका के शहर में दो रैन बसेरा है, जिसमें एक जिला अस्पताल परिसर में बना हुआ है। करीब पांच साल पहले अस्पताल प्रबंधन ने रेन बसेरा की नई बिल्डिंग में पोषण पुनर्वास केंद्र शिफ्ट कर दिया और रैन बसेरा को पोषण पुनर्वास केंद्र की पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट कर दिया।