CM शिवराज सिंह वीडियो कॉन्फ्रेंसिग में सख्त हिदायत दे चुके हैं.
खबर है कि जिन जिलों में आम जनता और जनप्रतिनिधियों की पुलिस अधिकारी नहीं सुनते हैं उनकी सूची तैयार की जा रही है. कई जिलों की सूची और उसका रिपोर्ट कार्ड बन गया है.6 जिलों के कप्तान (SP) के साथ कई जोन के आईजी (IG) और डीआईजी (DIG) पर गाज गिर सकती है.
बुधवार को प्रदेश के कमिश्नर-कलेक्टर, आईजी-एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी को सुशासन का पाठ पढ़ाया था. साफ और सख्त लहजे में हिदायत थी कि जनता का काम और अफसरों के तबादले कुछ भी लेन-देन से नहीं होंगे. अफसरों की पोस्टिंग सिर्फ काम के आधार पर की जाएगी. उन्होंने विभागों के प्रमुख सचिव से लेकर कमिश्नर कलेक्टर आईजी को सुशासन का पाठ पढ़ाते हुए सख्त लहजे में हिदायत दी थी. उसके तत्काल बाद नीमच एसपी को हटा दिया गया. अब खबर है कि जिन जिलों में आम जनता और जनप्रतिनिधियों की पुलिस अधिकारी नहीं सुनते हैं उनकी सूची तैयार की जा रही है. कई जिलों की सूची और उसका रिपोर्ट कार्ड बन गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि 6 जिलों के कप्तान के साथ कई जोन के आईजी और डीआईजी पर गाज गिर सकती है.यानि आने वाले दिनों में पुलिस विभाग में फेरबदल होना तय माना जा रहा है.
ट्रांसफर कारोबार का आरोप
बीजेपी का कहना है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नौकरशाही को लेकर गंभीर हैं. यदि सरकार के काम और जिम्मेदारियों को आवश्यक नहीं निभा पा रहे हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और अच्छे अधिकारियों को काम करने का मौका दिया जाएगा. वही कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है बीजेपी सरकार तबादला उद्योग चला रही है. जितने ट्रांसफर कमलनाथ की सरकार में नहीं हुए उससे कई गुना ट्रांसफर बीजेपी ने 8 महीने की सरकार के दौरान कर दिए हैं. बीजेपी ट्रांसफर के नाम पर अपना कारोबार चला रही है. पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर करने से व्यवस्था नहीं सुधरेगी बल्कि उन अधिकारियों को सुधारना पड़ेगा और अपनी फुर्ति और सक्रियता दिखानी पड़ेगी.
बदलाव या तबादला उद्योग
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार हो या फिर बीजेपी की. सभी सरकारों में ट्रांसफर पोस्टिंग के पीछे व्यवस्था सुधारने की वजह बताई जाती है. लेकिन इन ट्रांसफर पोस्टिंग से कितना बदलाव हुआ इस पर सभी पार्टियों को विचार करना चाहिए.