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मुरैना15 घंटे पहले
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देश में बड़े-बड़े ब्रिजों के निर्माण में सिंगल पिलर या केबल प्रणाली तो आपने बहुत देखी होगी लेकिन रियासत काल की प्राचीन पुल निर्माण प्रणाली इनसे भी उम्दा थी। इसका उदाहरण देखने को मिलता है बिचौला गांव के नजदीक से गुजरी पिलुआ-कोतवाल कनेक्टिंग चैनल पर, जहां से कोतवाल का पानी भिंड जिले की नहरों में सप्लाई होता है।
उस वक्त जब इस रास्ते पर रोड व पुल नहीं थे तब ग्रामीणों को कनेक्टिंग चैनल (मिनी नहर) को क्रॉस करने के लिए जो प्राचीन पुल बनाया गया, उसमें न कहीं पिलर था न किसी प्रकार की केबल थी। यानि नहर के एक कोने से दूसरे कोने को जोड़ने वाले पुल में कहीं भी सपोर्ट देने वाला सिस्टम नहीं था। बावजूद इसके इस पुल से सिर्फ इंसान ही नहीं उस वक्त ऊंट-बैल, मवेशी व बैलगाड़ियां तक निकल जाती थीं।