कांग्रेस ने भोपाल और इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट की सुस्त चाल पर बीजेपी को घेरना शुरू कर दिया है(सांकेतिक फोटो)
बीजेपी सरकार ने 2013 के चुनाव में यह दावा किया था कि 2018 तक भोपाल (Bhopal) और इंदौर के एक हिस्से में मेट्रो (Metro) पटरी पर आ जाएगी. लेकिन दोनों बड़े शहरों में प्रोजेक्ट की धीमी गति अब नगरीय निकाय चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया है.
भोपाल ज़िला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने कहा भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम कछुआ चाल से चल रहा है. इसलिए नगरीय निकाय चुनाव में ये बड़ा मुद्दा होगा. कमलनाथ सरकार ने मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए भूमि पूजन किया था. लेकिन कांग्रेस सरकार के जाते ही बीजेपी सरकार ने काम पर ब्रेक लगा दिया. मेट्रो प्रोजेक्ट के रूट के नाम पर लोगों को विस्थापित किया जा रहा है. मिश्रा ने कहा-बिना योजना के मेट्रो प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है, जिससे लोग परेशान हैं.
फोरलेन एलिवेटेड रोड
भोपाल के साथ ही इंदौर में भी मेट्रो प्रोजेक्ट मुद्दा होगा. कांग्रेस ने इंदौर में भी मेट्रो प्रोजेक्ट समेत दूसरे विकास कार्यों पर बीजेपी को घेरने की तैयारी कर ली है. इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ ही बीआरटीएस कॉरिडोर पर बनने वाले फोरलेन एलिवेटेड रोड का भी मुद्दा उठाया जाएगा. कांग्रेस सरकार में मंजूर एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट को बीजेपी सरकार ने रोक दिया.पूरा प्रोजेक्ट साढ़े तीन सौ करोड़ का है. इसके बनने से बड़ी आबादी को फायदा होता. नगरी निकाय चुनाव में इस मुद्दे को जोर-शोर के साथ उठाया जाएगा.विकास की पटरी पर रफ्तार
निकाय चुनाव से पहले मुद्दों को लेकर छिड़ी सियासत में बीजेपी ने कहा सरकार ने विकास पर तेजी से काम शुरू कर दिया है. मेट्रो पर भी तेजी से काम किया जा रहा है. प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है और जल्दी योजना मूर्त रूप लेगी. पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा सरकार विकास के काम तेजी से कर रही है.
विकास का मुद्दा
बीजेपी सरकार ने 2013 के चुनाव में यह दावा किया था कि 2018 तक भोपाल और इंदौर के एक हिस्से में मेट्रो पटरी पर आ जाएगी. लेकिन दोनों बड़े शहरों में मेट्रो प्रोजेक्ट की धीमी गति अब नगरी निकाय चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया है. साथ ही मेट्रो प्रोजेक्ट की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने और विस्थापितों के पुनर्वास पर राजनीति तेज़ है.