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- Radha Swami Blood Bank Naya Bazar Did Not Have A License To Remove Plasma, Records Were Found Everywhere
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ग्वालियर2 घंटे पहले
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ब्लड बैंक की जांच में हर जगह मिलीं खामियां, नहीं मिला सही रिकॉर्ड
- ब्लड प्लाज्मा चढ़ाने के बाद दतिया के कारोबारी की मौत का मामला
- पड़ाव थाना में प्लाज्मा के तीन दलालों पर गैर इरादतन हत्या, धोखाधड़ी का हुआ है मामला दर्ज
रविवार शाम 4 बजे जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस ने राधा स्वामी ब्लड बैंक दाल बाजार, नया बाजार सहित चार ब्लड बैंक पर छापामार कार्रवाई की है। नया बाजार स्थित राधा स्वामी ब्लड बैंक पर प्लाज्मा निकालने का लाइसेंस नहीं था, फिर भी काफी मात्रा में प्लाज्मा मिला है। रिकॉर्ड भी गड़बड़ मिला है। जिस कारण इस ब्लड बैंक को तत्काल सील कर दिया गया है। साथ ही, दाल बाजार स्थित राधा स्वामी ब्लड बैंक में भी कई खामियां मिली हैं। यहां रिकॉर्ड में अनियमितता मिली है। ब्लड के 100 बैग का रिकॉर्ड नहीं मिला। दतिया के व्यापारी की ब्लड प्लाज्मा से मौत के बाद तीनों विभाग हरकत में आए। व्यापारी को चढ़ाए गए ब्लड प्लाज्मा भी यहीं से दिए जाने का पता लगा था। फिलहाल बैग नंबर मैच नहीं हुआ।

राधा स्वामी ब्लड बैंक सहित चार ब्लड बैंक पर हुई छापामार कार्रवाई
शनिवार रात पड़ाव थाना में लाल खून का काला खेल करने वाले तीन दलालों अजय शंकर त्यागी, जगदीश भदकारिया और महेश मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद रविवार दोपहर से शाम तक के बीच जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की स्पेशल टीम ने चार ब्लड बैंक पर छापामार कार्रवाई कर रिकॉर्ड जब्त किया है। इसमें राधा स्वामी ब्लड बैंक दाल बाजार पहुंचे, यहां न तो कोई डॉक्टर मिला न ही रिकॉर्ड सही मिला है। तीन महीने का रिकॉर्ड जब्त किया है। इसके अलावा नया बाजार राधा स्वामी ब्लड बैंक पहुंचे तो यहां तो बिना लाइसेंस प्लाज्मा निकाला जा रहा था। यहां न डॉक्टर मिला न ही तकनीशियन। रिकॉर्ड जब्त किया गया है। साथ ही, ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा ब्लड बैंक को सीलिंग करने की कार्रवाई की गई है। टीमों ने इमरजेंसी और रेडक्रॉस ब्लड बैंक का भी रिकॉर्ड देखा और निगरानी में लिया है।
चौंकाने वाला सच आया सामने
जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की स्पेशल टीम ने चारों ब्लड बैंक से 3-3 महीने का रिकॉर्ड जब्त किया है। इसमें देखा गया है कि कितने लोगों ने यहां ब्लड दिया और कितने लोग यहां से ब्लड और प्लाज्मा लेकर गए हैं। रजिस्टर से काफी चौकाने वाली जानकारी मिली हैं। हर ब्लड बैंक में कुछ नाम ऐसे आए हैं जो महीने में 3 से 4 प्लाज्मा और ब्लड लेकर जाते रहे हैं। अब पुलिस की टीम इन नामों को वेरीफाई कर रही है। इनसे ही लाल खून का काला खेल का खुलासा हो सकता है।
एक यूनिट प्लाज्मा से बनाता था 4 यूनिट
पुलिस ने पकड़े गए तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी दिखाई है। साथ् ही आरोपियों से पूछताछ की है। अजय शंकर त्यागी के घर से काफी मात्रा में सील सिक्के बरामद किए हैं। जिनका उपयोग वह ब्लड बैंक से लाए खाली बैग पर लगाकर नकली प्लाज्मा को असली बनाकर बेचता था। उसने कुबूल किया है कि वह एक यूनिट प्लाज्मा में डिस्टिल वॉटर और कुछ केमिकल मिलाकर 3 से 4 यूनिट नकली प्लाज्मा बनाता था।
यह है मामला
दतिया के खजांची मोहल्ला निवासी 46 वर्षीय मनोज कुमार गुप्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के कारोबारी थे। तीन दिसंबर 2020 को उनको कोविड संक्रमण के चलते ग्वालियर के पड़ाव थाना क्षेत्र स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनको 8 दिसंबर को प्लाज्मा चढ़ाया गया, तभी से व्यापारी की हालत बिगड़ गई थी। 10 दिसंबर सुबह करीब 10.30 बजे अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। मृतक के साले नरेश ने नकली प्लाज्मा चढ़ाने का आरोप लगाया था। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टरों की सिफारिश पर अपोलो के कर्मचारी जगदीश भदकारिया, वेदांश हॉस्पिटल के कर्मचारी महेश मौर्य और खुद को जेएएच का कर्मचारी बताने वाले अजय त्यागी का नाम सामने आया था। अजय का भाई मनीष जेएएच में लैब तकनीशियन है।