पैर के साथ फिसल गई जिंदगी: रोज सुबह किले पर घूमने जाते थे, पैर फिसलने पर 80 फीट की ऊंचाई से गिरे, मौत

पैर के साथ फिसल गई जिंदगी: रोज सुबह किले पर घूमने जाते थे, पैर फिसलने पर 80 फीट की ऊंचाई से गिरे, मौत


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ग्वालियर12 घंटे पहले

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किले से गिरे नरेन्द्र मीणा ने अस्पताल में दम तोड़ दिया

  • डायल 100 ने पहुंचाया था अस्पताल, बहोड़ापुर इलाके की घटना

रोज की तरह सोमवार सुबह सैर करने ग्वालियर किले पर पहुंचे एक व्यक्ति का अचानक पैर फिसल गया। वह किले की 80 फीट की ऊंचाई से नीचे गिर गए, पर आधे रास्ते में झाड़ियों में अटक गए। घटना की सूचना उनके साथ आए भतीजे ने तत्काल डायल 100 पर दी। पुलिस ने पहुंच रेस्क्यू कर उन्हें निकाला और अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

हजीरा के रसूलाबाद निवासी नरेन्द्र मीणा पुत्र लालाराम मीणा एक कंपनी के शोरूम पर बतौर कर्मचारी पदस्थ थे। उनकी आदत में था कि वह हर दिन सुबह 7 बजे किले पर घूमने के लिए जाते थे। सोमवार को भी वह भतीजे दीपक के साथ किले पर पहुंचे। किले का एक राउण्ड पूरा करने के बाद जब वह लाइट एण्ड साउंड कार्यक्रम स्थल के पास पहुंचे ही थे कि अचानक चक्कर आने लगे। भतीजे को राउण्ड लगाने का बोलकर नरेन्द्र वहीं पर रेलिंग का सहारा लेकर खड़े हो गए। तभी अचानक उनका पैर फिसला और वह किले से नीचे गिर गए।

मामले का पता चलते ही पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस की डायल 100 बहोड़ापुर पर पदस्थ आरक्षक श्रीकृष्ण दीक्षित, नीरज गुप्ता और चालक अजय कुमार मौके पर पहुंचे। सैर पर आए अन्य लोगों की मदद से घायल को तुरंत ही रेस्क्यू कर निकाला और अस्पताल पहुंचाया। जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। नरेन्द्र की मौत का पता चलते ही पुलिस ने शव को पीएम हाउस भेजकर मर्ग कायम कर लिया।

खून बहने से हुई मौत

जब नरेन्द्र को किले की खाई से निकाला तो सिर सहित पूरे शरीर से खून बह रहा था। स्थानीय लोगों ने तत्काल अपने कपड़े फाड़कर उनके घाव पर बांधा जिससे ज्यादा खून न बह सके। जब तक अस्पताल लेकर पहुंचे काफी देर हो चुकी थी। नरेन्द्र की मौत हो गई थी। परिवार में उनके चार बेटे एक बेटी है। सभी की जिम्मेदारी उसके ही कंधों पर थी।



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