सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उपचुनाव में जोरदार जीत से पार्टी नेताओं को अचंभित कर दिया. उप चुनाव के नतीजों के बाद उन्होंने ये भी बताया कि वे विनम्र और सौम्य तो हैं ही, लेकिन उतने ही सख्त भी हैं. उन्होंने जिस तरह से अलग-अलग तरह के माफियाओं पर कार्रवाई की, उससे सब हैरान हैं.
Source: News18Hindi
Last updated on: December 14, 2020, 10:41 AM IST
चौहान वैसे तो राष्ट्रीय स्वयं संघ के धर्मनिरपेक्ष पथ पर अपने ही तरीके से चलते हैं, लेकिन अब चीजें बदल गई हैं. स्पष्ट रूप से दिखाई देता है कि मुख्यमंत्री हिंदुत्व की लाइन पर उस तरह से चल रहे हैं, जैसा वे पहले कभी नहीं चले. उनके भाषणों में अब बदलाव दिखाई देता है. उदाहरण के तौर पर उमरिया जिले में आयोजित रैली में दिया गया भाषण, जहां उन्होंने कहा “मैं मध्य प्रदेश की धरती पर लव जिहाद नहीं चलने दूंगा.” इसके तुरंत बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक (फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल 2020) का ड्राफ्ट तैयार करवा लिया, जिसमें जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कर शादी करने और उनकी मदद करने वालों को 5 साल की जेल का प्रवाधान किया गया. बाद में 5 साल की जगह 10 साल की जेल का प्रावधान कर दिया. चौहान इस बिल को विधान सभा के आने वाले शीतकालीन सत्र में रखेंगे.
महिला अपराधों पर दोषियों को नहीं छोड़ते मामा
जब भी कभी कानून-व्यवस्था बिगड़ती है, खासकर महिलाओं से जुड़े आपराधिक मामलों में ‘मामा’ शिवराज दोषियों और आरोपियों पर हमेशा सख्त रहे हैं. उदाहरण के तौर पर भोपाल में एक अखबार के मालिक और चर्चित व्यक्ति प्यारे मियां को भी शिवराज की सख्ती का सामना करना पड़ गया. प्यारे मियां की सारी अवैध संपत्तियां नष्ट कर दी गईं. इनके अलावा भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित कई शहरों में मुख्यमंत्री की तरफ से स्थानीय प्रशासन को खुली छूट देकर अपराधियों की अवैध संपत्तियां नष्ट कर दी गईं.
स्वयं-भू संत कंप्यूटर बाबा और चेलों को भी नहीं बख्शा
इतना ही नहीं, 2018 में अपने करीबी रहे और बाद में कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का साथी बने स्वयं-भू संत नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा को भी सीएम ने नहीं छोड़ा. उनकी गैरकानूनी संपत्तियां भी नष्ट कर दी गईं. कंप्यूटर बाबा के चेलों की भी कीमती संपत्ति इंदौर में धराशाई कर दी गई. इतना ही नहीं शासन ने कंप्यूटर बाबा को जेल तक भेज दिया. भोपाल और इंदौर के कई उन अवैध बिल्डरों को तहस-नहस कर दिया गया, जिन्होंने पिछले कुछ सालों में जबरदस्त कमाई की. पुलिस पर हमला करने वाले ईरानी लोगों के करोड़ों की जमीन पर अतिक्रमण को पल भर में ध्वस्त कर दिया गया.
मध्य प्रदेश की जमीन पर पैर जमाने की कोशिश कर रहे ड्रग माफियाओं को उखाड़ फेंकने के लिए चौहान ने शुक्रवार को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाकर निर्दश जारी किए. इसी बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के 800 हुक्का लाउंज को बंद करने के आदेश दिए. राज्य में 15 से 22 दिसंबर तक ड्रग माफियाओं के खिलाफ कैंपन चलाया जाएगा. ये कैंपेन तब चलाया जा रहा है जब नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने प्रदेश के साथ उन 15 शहरों की लिस्ट शेयर की, जो ड्रग हब बनने के मुहाने खड़े हैं. इन शहरों में भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालयर भी शामिल हैं. पुलिस ने सख्ती से भोपाल और इंदौर में ड्रग माफियाओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया और पिछले हफ्ते ही बड़ी मात्रा में नशे से जुड़ी जब्त कीं.कलेक्टर-एसपी हटाए, कहा- टेबल के नीचे डीलिंग नहीं होगी
हाल ही में कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में चौहान ने सख्ती से कहा था कि जनता से जुड़े और ट्रांसफर केवल और केवल परफॉर्मेंस के आधार पर होंगे, टेबल के नीचे होने वाली डील से नहीं होंगे. कलेक्टरों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चली 7 घंटे की मीटिंग में उन्होंने कई कलेक्टरों को निर्देशों का पालन नहीं करने पर फटकार लगाई. बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने नीमच के पुलिस अधीक्षक और कटनी के कलेक्टर को वहां से हटा दिया. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने उन आईजी और डीआईजी स्तर के अधिकारियों की लिस्ट मांगी है, जो तय मापदंडों पर परफॉर्म नहीं कर रहे. सूत्र ये भी बताते हैं कि चौहान जिलों में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी कर रहे हैं, खासकर उन जिलों में जहां बीजेपी विधान सभा उपचुनाव हार गई.
First published: December 14, 2020, 10:41 AM IST