शहर में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार घट रही है.
इंदौर धीरे-धीरे कोरोना से रिकवर होता दिखाई दे रहा है. इसका मतलब यह नहीं है कि मरीज नहीं मिल रहे, लेकिन उनके मिलने की संख्या घट गई है. प्रशासन ने लोगों से मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को न छोड़ने की अपील की है.
- Last Updated:
December 14, 2020, 2:53 PM IST
स्वास्थ्य विभाग ने पिछले 24 घंटों में 4 हजार 669 संदिग्ध मरीजों के टेस्ट कराए. इनमें से 4 हजार 248 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई, जबकि 402 नए संक्रमित मरीज मिले. यह आंकड़ा 25 दिन का सबसे कम आंकड़ा है. इससे पहले 19 नवंबर को 313 और 10 दिसंबर को 412 नए संक्रमित मिले थे. अब तक इंदौर जिले में 5 लाख 78 हजार 43 टेस्ट किए जा चुके हैं. दिसंबर के 13 दिनों में यहां 51 लोगों की जान गई है और 6408 पापॉजिटिव केस सामने आए हैं. अभी शहर में 4568 एक्टिव मरीज हैं,जिनका अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजर का साथ न छोड़ें. बाजार भले ही खुल गए हैं, लेकिन जब तक लोग खुद सावधानी नहीं बरतेंगे, तब तक कोरोना की चैन नहीं तोड़ी जा सकती. प्रशासन ने कहा कि वो अपनी तरफ से तो कोशिश कर ही रहा है, लोगों और समाज को भी प्रशासन के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए.कल ही हुआ था हाईकोर्ट जस्टिस का निधन
इंदौर हाई कोर्ट में पदस्थ जस्टिस वंदना कसरेकर का कल सुबह मेदांता अस्पताल में कोरोना से निधन हो गया था. कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें इंदौर के मेंदाता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाना था लेकिन हालत नाजुक होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका. इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अमर सिंह राठौर ने बताया था कि एक साल बाद न्यायामूर्ति वंदना कसेरकर रिटायर होने वाली थीं. वे लंबे समय से शहर के मेदांता अस्पताल में ही अपना इलाज करा रही थीं. कुछ दिनों पहले दिल्ली के अस्पताल में उन्हें एयरलिफ्ट भी किया जाना था, लेकिन हालत अधिक नाजुक होने के कारण उन्हें एयरलिफ्ट भी नहीं किया जा सका.