इससे पहले होशंगाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया था जहां किसानों (Farmers) को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाया गया. उसके बाद ग्वालियर (Gwalior) में किसानों की उपज लेकर फरार हुए व्यापारी की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में कार्रवाई की जा रही है
इससे पहले होशंगाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया था जहां किसानों (Farmers) को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाया गया. उसके बाद ग्वालियर (Gwalior) में किसानों की उपज लेकर फरार हुए व्यापारी की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में कार्रवाई की जा रही है
जबलपुर के पाटन क्षेत्र में नए कृषि कानून के तहत एक बड़ी कार्रवाई की गयी है. यहां किसानों से उपज खरीदने के बाद उसका भुगतान न करने वाली फर्म पर 25000 रुपए का जुर्माना लगाया गया है. नए कृषि कानून के तहत ये कार्रवाई की गयी. कृषक उपज, व्यापार और वाणिज्य अधिनियम 2020 की धारा 4 के तहत व्यापारी द्वारा किसानों को कृषि उपज का लेनदेन तय समय सीमा पर नहीं करने पर ये कार्रवाई की गई है.
व्यापारी पर जुर्माना
पाटन के एसडीएम आशीष पांडे ने बताया कि 23 नवंबर को निरीक्षण के दौरान ये मामला सामने आया था.मंडी की ही लाइसेंस धारी फर्म शिव शक्ति ट्रेडर्स ने मंडी के बाहर 3400 बोरी धान खरीदा था.लेकिन उसका भुगतान नहीं किया गया. शिकायत मिलने पर पाटन मंडी के सचिव ने इस मामले में रिपोर्ट बुलवायी. उसमें ये शिकायत सही पायी गयी. एसडीएम ने तत्काल शिव शक्ति ट्रेडर्स को किसानों को उनकी उपज का दाम उनके खाते में जमा कराने के निर्देश दिए. शासन के आदेश के बाद 24 घंटे के भीतर 22 लाख 46 हज़ार 800 रुपए आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खाते में राशि जमा करा दी गई. एसडीएम ने इस धोखाधड़ी के लिए शिव शक्ति ट्रेडर्स पर 25000 का जुर्माना लगाया.
पहला मामला
संभवत: ये मध्य प्रदेश का पहला मामला है जिसमें नये कृषि कानून के तहत किसी फर्म पर कार्रवाई करते हुए उस पर जुर्माना लगाया गया है. इसके पूर्व होशंगाबाद में भी ऐसा ही मामला सामने आया था जहां किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलवाया गया. उसके बाद ग्वालियर में किसानों की उपज लेकर फरार हुए व्यापारी की संपत्ति कुर्क करने के संबंध में कार्रवाई की जा रही है. लेकिन जबलपुर में नये कानून के तहत हुई कार्रवाई में किसानों को उनकी उपज का मूल्य तो दिलवाया ही गया, बल्कि नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित फर्म पर जुर्माना भी ठोका गया.