जबलपुर में शिकारी के करंट में फंसकर किसानों की मौत हो गई.
जबलपुर के दो किसानों की उस करंट से मौत हो गई, जिसे जंगली सुअरों के लिए बिछाया गया था. दोनों किसान खेतों पर काम करने गए थे और वापस ही नहीं लौट. इस इलाके में अक्सर शिकारी जंगली सुअरों का शिकार करने के लिए इस तरह की हरकत करते हैं. लेकिन, इस बार जानवर की जगह किसानों की मौत हो गई.
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December 15, 2020, 9:50 AM IST
जबलपुर. जंगली सुअरों के लिए बिछाए गए बिजली के तारों की चपेट में आकर यहां दो किसानों की करंट से मौत हो गई. अलग-अलग जगहों पर हुई इन मौतों पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है.
जबलपुर के अंतर्गत आने वाले बतकुली गांव और भंडरा गांव से सोमवार को पुलिस को सूचना मिली की खेतों में लाश पड़ी है. पुलिस जब मौके पर पहुंची तो देखा कि जहां लाश पड़ी है, वहां बिजली के तार पेड़ों के पास रखे हैं. ये तार जानवरों, खासकर जंगली सुअरों का शिकार करने के लिए लगाए जाते हैं. मृतकों में से एक किसान जहां सिंचाई करने गया था, वहीं दूसरा खेत की देखभाल करने गया था.
सिहोरा के बतकुली गांव का किसान मोहन जब काफी देर तक घर नहीं पहुंचा तो उसका बेटा उसे ढूंढने निकला. जब बेटा खेत पर पहुंचा तो देखा कि पिता बेसुध पड़े हैं. पता चला कि मोहन को करंट लग गया है और उसकी मौके पर ही मौत हो गई है. दूसरी ओर मझगंवा के भंडरा गांव में अनिल राजभर रविवार रात अपने खेत की देखभाल करने निकला. उसने अरहर की फसल उगाई थी. उसे भी जब घरवाले तलाश करते खेत पर आए तो देखा कि अनिल की मौत हो चुकी है. उसकी लाश के पास ही जीआई तार भी पड़ा था जिसमें करंट दौड़ाया जाता है।जंगली सुअर का करंट से करते हैं शिकार
दरअसल इस क्षेत्र में खेतों में जंगली सुअरों का आतंक है और शिकारी अक्सर उनके शिकार के लिये जीआई तार में करंट दौड़ाकर चले जाते हैं। इससे पहले भी इस करंट वाली तार से मवेशियों की मौत की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इस बार किसान इस करंट के शिकार हो गए।
पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला किया दर्ज
इन घटनाओं के बाद सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। जिस स्थान पर मोहन की मौत हुई थी उस जगह को बदला गया था और मोहन के शव को एक पेड़ के पास लगे बिजली के बोर्ड के पास छोड़ दिया गया। जबकि उसके पैरों में करंट लगने का निशान मिला।
वन विभाग को है करंट लगने की जरूरत
वन्य प्राणी अधिनियम के तहत जंगली सुअर का शिकार करना अपराध है. बावजूद, इसके शिकारियों पर वन विभाग शिकंजा नहीं कस पा रहा है। कुछ दिनों पहले ही इन्हीं बिजली के तारों में फंसकर बरगी में एक हाथी की भी मौत हो गई थी. यह हाथी जंगल से भटककर खेतों के पास पहुंच गया था. जिस तरह से ये घटनाएं सामने आ रही हैं उससे स्पष्ट है कि वन विभाग गहरी नींद में है और उसे नींद से जगाने के लिए इसी तरह के करंट की जरूरत है.