फिल्में नहीं, गर्म कपड़े बिक रहे इन सिनेमघरों में, वो भी “विदाउट टिकट”

फिल्में नहीं, गर्म कपड़े बिक रहे इन सिनेमघरों में, वो भी “विदाउट टिकट”


कोरोना वायरस ने इन सिनेमाघरों को गर्म कपड़े बेचने को मजबूर कर दिया

भोपाल में कई एसे सिनेमाघर (Theatre) थे, जिनके दर्शकों बंधे हुए थे. यानी ये दर्शक उसी जगह फिल्में देखते थे. कोरोना वायरस (coronavirus) ने इन सिनेमाघरों को गर्म कपड़े बेचने को मजबूर कर दिया. सिनेमाघरों के संचालकों को इसी बात से संतुष्टि है कि कम से कम उनकी कुछ कमाई तो हो रही है.



  • Last Updated:
    December 15, 2020, 6:39 AM IST

भोपाल.  वो दिन लद गए जब शहर के सिनेमाघरों में फिल्में देखने के लिए भीड़ लगा करती थी. अब यहां गर्म कपड़े लेने की भीड़ लग रही है. कोरोना  वायरस (Coronavirus) ने शहर की टॉकीजों पर ताले लगवा दिए हैं. कई सिनेमाघर एसे भी हैं, जिन्हें पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इन सिनेमा घरों पर मॉल या किसीअन्य बिल्डिंग का निर्माण कर दिया गया है.

भोपाल के पुराने इलाके के मशहूर सिनेमा घर अल्पना टॉकीज और भोपाल टॉकीज सहित कई अन्य में इन दिनों फिल्मों की जगह गर्म कपड़ों की बड़ी-बड़ी सेल लगी हुई हैं. लोग यहां “विदाउट टिकट” जमकर खरीदारी करने आ रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब कोरोना काल में सेल के नाम पर भीड़ लग ही रही है तो फिल्में भी लगानी चाहिए थीं. वहीं, राज टॉकीज जैसी कुछ टॉकीजों को तो बंद ही कर दिया गया है.

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया

फिल्मों की जगह गर्म कपड़ों की सेल लगाने की बात पर टॉकीजों के मालिकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कोरोनाकाल में थिएटरओपन की शर्त के मुताबिक, केवल दो शो से कमाई होना मुमकिन नहीं है. बार-बार सिनेमाहॉल को सेनेटाइज करना और आधी संख्या में लोगों को एंट्री देना मुश्किल भरा है. कपल्स और फैमिली वालों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना मुश्किल है. उन्होंने बताया कि फिल्में लगा भी दें तो उतने दर्शक नहीं आ रहे, जिससे आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो रहा है. सिनेमाहॉल का मेंटनेंस करना कोई मजाक नहीं. गौरतलब है कि भोपाल  में तकरीबन  2 दर्जन से ज्यादा सिनेमा घर हुआ करते थे. मगर अब चंद सिनेमा घर ही बचे हैं. आने वाले वक्त में इनका चलना भी मुश्किल है. क्योंकि, अब दर्शकों के पास मनोरंजन  के लिए हजारों वेब सीरीज उपलब्ध हैं. इन वेब सीरीज की वजह से दर्शकों की संख्या वैसे भी आधी घट चुकी है. अफसोस है कि भोपाल के एंटरटेनमेंट का अब वो माहौल धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा.





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