मिलवाटखोरी की हद: कैमिकल से धोकर बनाई जा रही थी आलू चिप्स

मिलवाटखोरी की हद: कैमिकल से धोकर बनाई जा रही थी आलू चिप्स


सांवेर रोड स्थित फूड प्रोडक्ट कारखाने में जहरीली चिप्स बनाई जा रही थी.

इंदौर में मिलावटखोरी की हद देखने को मिली. यहां प्रशासन ने एक फूड प्रोडक्ट पर छापा मारा तो हैरान रह गए. हैरान इसलिए हो गए क्योंकि इस कारखाने में सड़े आलुओं को उस कैमिकल से धोया जा रहा था, जो हमारे शरीर के लिए बेहद खतरनाक है. हालांकि, कारखाने का मालिक अभी प्रशासन के हाथ नहीं आया है.



  • Last Updated:
    December 15, 2020, 7:28 AM IST

इंदौर. प्रशासन ने सोमवार को सांवरिया फूड प्रोडक्ट्स के कारखाने पर छापा मारा. छापे में डेढ़ हजार क्विंटल सड़े आलू और कैमिकल बरामद किया गया. यहां मिलावटी चिप्स तैयार किए जा रहे थे, जो खाने वाले के लिए जहर जैसा ही है. कारखाने का मालिक फिलहाल फरार है.

इंदौर प्रशासन को शिकायत मिली थी कि सांवेर रोड स्थित अवंतिका नगर में सांवरिया फूड प्रोडक्ट के कारखाने में मिलावटखोरी की जा रही है. शिकायत पर अपर कलेक्टर अभय बेडेकर के नेतृत्व में टीम बनाई गई. टीम ने जैसे ही यहां छापा मारा तो अधिकारी हैरान रह गए. पूरा कारखाना सड़े आलुओं और कैमिकल की बदबू से भरा हुआ था. सड़े आलुओं को कैमिकल से धोकर चिप्स तैयार किए जा रहे थे. इन्हें एसआरडी चिप्स के नाम पर मार्केट में बेचा जा रहा था. पुलिस ने कारखाना सील कर दिया है. इसके मालिक सुखलाल कुमावत की तलाश की जा रही है. इस कारखाने के संचालकों पर रासुका की कार्रवाई की गई है.

सब-कुछ गलत हो रहा था

खाद्य सुरक्षा अधिकारी पुष्पक कुमार द्विवेदी ने बताया कि हमने सांवरिया फूड प्रोडक्ट्स पर छापा मारा है. छापे में जिला प्रशासन की टीम भी शामिल है. यहां अस्वच्छ तरीके से आलू की चिप्स बनाई जा रही है. इनको बनाने में पुराने मसालों का उपयोग किया जा रहा है. इनकी पैकिंग गलत एड्रेस पर की जा रही है. सैंपलिंग की कार्रवाई जारी है. सड़े-गले पदार्थों को नष्ट कराया जाएगा. संदिग्ध खाद्य पदार्थों को कब्जे में लिया जाएगा.बख्शे नहीं जाएंगे मिलावटखोर

गौरतलब है कि प्रशासन ने पूरे प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. इंदौर के अलावा, भोपाल, ग्वालियर, मुरैना सहित की जगहों से मिलावटखोर पकड़े गए हैं. इन पर प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई इनके कारखाने और दुकानें सील कर दी हैं.  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई बार बैठक कर जिला कलेक्टरों को आदेश जारी किए थे कि जो भी मिलावट कर रहे हैं उन्हें किसी कीमत बख्शा न जाए.





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