लाल खून का काला खेल: राधा स्वामी ब्लड बैंक का लैब टेक्नीशियन हिरासत में, कुछ और बैग मिले, मृतक के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की

लाल खून का काला खेल: राधा स्वामी ब्लड बैंक का लैब टेक्नीशियन हिरासत में, कुछ और बैग मिले, मृतक के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग की


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ग्वालियर36 मिनट पहले

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राजपायगा रोड स्थित राधा स्वामी ब्लड बैंक पर फिर पहुंचे प्रशासन, पुलिस के अफसर

  • अजय शंकर त्यागी और देवेन्द्र गुप्ता को लैब लेकर पहुंची थी पुलिस
  • अब सिल सिक्के बनाने वाले से हो रही है पूछताछ

नकली प्लाज्मा मामले में मंगलवार को पुलिस मुख्य आरोपी अजय शंकर त्यागी और राधा स्वामी ब्लड बैंक राजपायगा रोड के लैब टेक्नीशियन देवेन्द्र को लेकर ब्लड बैंक पहुंची थी। यहां से कुछ बैग और बरामद किए हैं। यहीं से अजय ने ब्लड खरीदकर नकली प्लाज्मा बनाकर बेचा था। अजय के कई राज और भी खुले हैं। वह अकेला प्लाज्मा ही नहीं नकली खून का भी सौदागर है। बुधवार को उसकी रिमांड पूरी हो रही है। पर पुलिस उसकी रिमांड बढ़ा सकती है। इस मामले में मृतक व्यापारी के परिजन ने मंगलवार को सीबीआई जांच की मांग मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से की है। परिवार ने अपोलो अस्पताल के डॉक्टर और प्रबंधन पर भी एफआईआर की मांग की है। इस मामले में जांच के लिए दिल्ली से ड्रग कंट्रोलर भी आए हैं। जिन्होंने मामले की जांच कर रहे अफसरों से भी चर्चा की है।

नकली ब्लड और प्लाज्मा का खेल

आरोपी अजय से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि वह अकेला प्लाज्मा ही नहीं कोरोना काल में उसने ब्लड का भी खूब खेल किया है। वह ब्लड बैंक के लैब टेक्नीशियन देवेन्द्र गुप्ता निवासी दाल बाजार से एक हजार से 1500 रुपए में ब्लड खरीदकर नकली ब्लड और प्लाज्मा बनाकर मोटा मुनाफा कमाता था। मंगलवार को अजय और देवेन्द्र को लेकर पुलिस राधा स्वामी ब्लड बैंक राजपायगा रोड पहुंचे। यहां देवेन्द्र की निशानदेही पर कुछ ब्लड बैग बरामद किए हैं।

परिवार बोला पुलिस पर विश्वास नहीं, सीबीआई जांच हो

नकली प्लाज्मा चढ़ाने से हुई दतिया के व्यापारी मनोज अग्रवाल की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। व्यापारी के साले नरेश अग्रवाल निवासी रक्सा झांसी यूपी ने सीएम मध्य प्रदेश शिवराज सिंह को आवेदन देकर इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। नरेश गुप्ता ने कहा है कि पड़ाव थान के सब इंस्पेक्टर मुकेश कुमार शर्मा ने कुछ महत्वपूर्ण चीजों को छिपाकर अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर को बचाया गया है। इस कारण पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं किया जा सकता।

यह है पूरा मामला

दतिया के खजांची मोहल्ला निवासी 46 वर्षीय मनोज कुमार गुप्ता इलेक्ट्रोनिक्स के कारोबारी थे। तीन दिसंबर 2020 को उनको कोविड संक्रमण के चलते ग्वालियर के पड़ाव थानाक्षेत्र स्थित अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां उनको 8 दिसंबर को प्लाज्मा चढ़ाया गया, तभी से व्यापारी की हालत बिगड़ गई थी। 10 दिसंबर सुबह करीब 10.30 बजे अस्पताल के डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। मृतक के साले नरेश ने नकली प्लाजा चढ़ाने का आरोप लगाया था। इस दौरान अस्पताल के डॉक्टरों की सिफारिस पर अपोलो के कर्मचारी जगदीश भदकारिया, वेदांश हॉस्पिटल के कर्मचारी महेश मौर्य और खुद को जेएएच का कर्मचारी बताने वाले अजय त्यागी का नाम सामने आया था।



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