कोच जस्टिन लैंगर ने कहा, ”वह महान खिलाड़ी और उतना ही शानदार कप्तान है. मैं उसका काफी सम्मान करता हूं, लेकिन उसके लिए खास रणनीति बनानी होगी. हमें पता है कि बतौर कप्तान और बल्लेबाज वह भारतीय टीम के लिए कितना महत्वपूर्ण है.”
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उन्होंने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”रणनीति पर अमल करना भी उतना ही जरूरी है. उसे रन बनाने से रोकना होगा. आखिर में तो वह बल्ले से ही सबसे ज्यादा प्रभाव छोड़ सकता है. अब तक हम उसे काफी समझ और देख चुके हैं और वह भी हमें.” लैंगर ने कहा कि उनकी टीम तकनीक पर फोकस करेगी और जबर्दस्ती विराट कोहली से भिड़ने की बजाय उसे आउट करने के तरीके तलाशेगी.उन्होंने कहा, ”हम विराट को आउट करने की कोशिश करेंगे. वह इतने शानदार खिलाड़ी हैं कि उन्हें छींटाकशी के बारे में हम बात भी नहीं कर रहे. यह बकवास है. हम कौशल पर खेलते हैं, भावनाओं पर नहीं. हमें भावनाओं पर काबू रखना होगा.”
ऑस्ट्रेलिया ने भारत से ज्यादा गुलाबी गेंद मैच खेले हैं लेकिन लैंगर का कहना है कि उनकी टीम को इस वजह से कोई फायदा नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा, ”मैंने हमेशा कहा है कि सर्वश्रेष्ठ टीमें और खिलाड़ी हालात के अनुरूप ढल जाते हैं. मैच कितना भी बड़ा हो और गेंद का कोई भी रंग हो. अतीत में हो हुआ, उससे बहुत फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन उसे दोहराना अच्छा होगा.”
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कोच ने कहा, ”हमने एक साल से टेस्ट नहीं खेला है. मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करना होगा. चाहे दिन रात का मैच हो या दिन का. मुझे नहीं लगता कि पिछला प्रदर्शन मायने रखता है.” मेजबान टीम को 2018-19 की सीरीज में पराजय झेलनी पड़ी थी, लेकिन लैंगर ने कहा कि उनके खिलाड़ियों के जेहन में बदले की भावना नहीं है.
उन्होंने कहा, ”बदला बहुत अच्छा शब्द नहीं है, प्रतिद्वंद्विता कहना ठीक होगा.” उन्होंने खिलाड़ियों के बीच आपसी तालमेल और खेलभावना बढ़ाने का श्रेय इंडियन प्रीमियर लीग को दिया. कोच ने कहा, ”सीमित ओवरों की सीरीज काफी अच्छे माहौल में खेली गई और उम्मीद करता हूं कि आगे भी ऐसा ही रहेगा. वे प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलेंगे, लेकिन खेलभावना के साथ. आईपीएल का यही फायदा है कि खिलाड़ी एक दूसरे को जान लेते हैं. अच्छे रिश्ते बन जाते हैं.”