कमलनाथ पर 2019 लोकसभा चुनाव में हवाला के पैसे के इस्तेमाल का आरोप है.
चुनाव आयोग (Election Commission) ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हवाला के पैसे के इस्तेमाल के आरोप में कमलनाथ (Kamal Nath) के नजदीकी तीन अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 16, 2020, 11:02 PM IST
रिपोर्ट के अनुसार आयकर विभाग ने आम चुनाव 2019 के समय मध्य प्रदेश में तलाशी ली थी और बड़ी मात्रा में धन के इस्तेमाल का पता लगाया था जिसका कोई लेखा जोखा नहीं था. निर्वाचन आयोग की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया कि सीबीडीटी की रिपोर्ट के अनुसार किसी राजनैतिक दल की ओर से कुछ लोगों द्वारा अवैध रूप से धन का नकद में लेनदेन किया जा रहा था. हालांकि आयोग ने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया है लेकिन खबरों के हवाले से पता लगा है कि सीबीडीटी की रिपोर्ट में कांग्रेस पार्टी का नाम है.
10 करोड़ से ज्यादा की नगदी हुई थी जब्त
बहरहाल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले आयकर विभाग ने कमलनाथ के करीबियों के यहां छापेमारी की कार्रवाई थी, जिसमें 10 करोड़ से ज्यादा की नगदी हुई जब्त हुई थी. इसमें कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा उनके बहनोई समेत 52 स्थानों पर छापेमारी की कार्रवाई हुई थी. जबकि बरामद की गई नकदी का इस्तेमाल मध्य प्रदेश और दिल्ली में राजनीतिक चुनाव प्रचार के लिए खर्च होने की खबर थी. वहीं, चुनाव आयोग ने पूरे मामले में प्रकरण दर्ज कर तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई के दिए निर्देश दिया है. चुनाव आयोग ने केंद्रीय गृह सचिव को आदेशित किया है कि वह विभागीय एक्शन लेकर चीफ सेक्रेटरी और दूसरे आईएएस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करे, जिनके नाम पूरे मामले में सामने आए हैं. जबकि चुनाव आयोग के आदेश से तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.कमलनाथ ने नहीं लड़ा लोकसभा का चुनाव
2019 के लोकसभा चुनाव में कमलनाथ ने अपनी किस्मत नहीं आजमाई थी, क्योंकि तब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. जबकि उन्होंने अपनी जगह बेटे नकुलनाथ को छिंदवाड़ा से मैदान में उतारा था. नकुलनाथ ने इस सीट पर 37536 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी. आपको बता दें कि कमलनाथ छिंदवाड़ा सीट से आठ बार सांसद रहे हैं और एक बार उनकी पत्नी इस सीट से चुनाव जीती हैं.