सड़क हादसों को रोकने एमपी पुलिस ने खास प्लान ताैयार किया है. (सांकेतिक फोटो)
मध्य प्रदेश में सड़क हादसों (Road Accident) को रोकने के लिए पुलिस विजन जीरो पर काम कर रही है. विजन जीरो (Vision Zero) को लेकर पुलिस ने चार ई पर फोकस किया है.
दूसरे E इंजीनियरिंग हैं. इंजरिंग का सीधा संबंध रोड की डिजाइन और उसकी बनावट से है. ऐसे में उन तमाम रोड एजेंसियों के जरिए हादसे से पहले और हादसे के बाद की रिसर्च के दौरान यह पता लगाया जाए कि आखिरकार क्या सड़क की वजह से हादसा हुआ है या फिर उसकी डिजाइन की वजह से. साथ ही इससे उसकी जिम्मेदारी भी तय की जा सकती है. तीसरा ई इंफोर्समेंट है, जिसमें ट्रांसपोर्ट और पुलिस को शामिल किया गया है. इसके जरिए ट्रांसपोर्ट व्यवस्था और ट्रैफिक सुधार को दुरुस्त रखने का लक्ष्य रखा गया है. चौथे नंबर पर इमरजेंसी आती है जिसके जरिए पुलिस की कोशिश है कि जब भी सड़क हादसे होते हैं तो उस घायल व्यक्ति को तत्काल इलाज मिल सके. ऐसे में इमरजेंसी सिस्टम को भी सुधारने पर दूसरों विभाग की मदद से ध्यान दिया जा रहा है.
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नोडल अधिकारियों की क्लासपुलिस शोध संस्थान के एडीजी डीसी सागर ने प्रदेश के सभी जिलों की ट्रैफिक और सड़क सुरक्षा के साथ 4E को लेकर नोडल अधिकारियों की वर्चुअल क्लास ली. इस क्लास में सभी सड़क उपयोगकर्ताओं को एक सुरक्षित सड़क नेटवर्क उपलब्ध कराना जिसमें पदयात्रियों तथा साइकिल चालकों को प्राथमिकता दी गई. साथ ही भविष्य में जीरो सड़क दुर्घटना मृत्यु का टारगेट रखा गया. राज्य सड़क सुरक्षा नीति, 2015 में जीरो विजन को बताया गया है.
एडीजी डीसी सागर ने बताया कि सड़क हादसों को रोकने के लिए पुलिस, ट्रांसपोर्ट, समस्त सड़क निर्माण एजेंसी, शिक्षा विभाग का अहम हिस्सा होता है. जब कोई सड़क दुर्घटना होती है तो उस समय प्रथम पीड़ित को प्राथमिक उपचार दिया जाकर उसे नजदीकी ट्रॉमा केयर सेंटर में पहुंचाया जाना आवश्यक होता है. ताकि गोल्डन आवर के दौरान घायल व्यक्ति को बचाया जा सके.
इन जिलों में हो रहा है सबसे ज्यादा सड़क हादसे
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों के अनुसार भारत सड़क दुर्घटनाओं में तृतीय स्थान पर है. प्रथम स्थान अमेरिका (22,11,439) का है, लेकिन इन सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृतक संख्या (1,50,785) में भारत प्रथम स्थान पर है क्योंकि हमारे देश में हेल्थकेयर सुविधाएं सुदृढ़ नहीं हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ऑन सेफ्टी के दिशा-निर्देशों के पालनार्थ हमारे ट्रामा केयर सेंटर को सुदृढ़ किया जाना जरूरी है. जिलों में विगत वर्ष की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृतक संख्या में वृ़द्धि हुई है. इनमें अलीराजपुर में 31 प्रतिशत, इंदौर में 18 प्रतिशत, राजगढ़ में 18, मुरैना में 15 प्रतिशत, सीहोर में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. वर्चुअल क्लास के दौरान हाल ही में घटित जिला राजगढ़ की सड़क दुर्घटना, खण्डवा और छतरपुर में सड़क दुर्घटनाओं को लेकर क्रेश इंवेस्टिगेशन किये जाने के निर्देश दिये ताकि सड़क सुरक्षा की दृष्टि में विजन शून्य के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके.