मध्य प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली का ज्यादा बिल देना पड़ेगा. . (सांकेतिक तस्वीर)
मध्य प्रदेश सरकार इसी महीने से बिजली के बिल बढ़ाने जा रही है. दरअसल बिजली कंपनियों को अपना करोड़ों का घाटा पूरा करना है, इसके लिए उसन विद्युत नियामक आयोग को प्रस्ताव भेजा था. इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है.
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December 18, 2020, 7:49 AM IST
बिजली कंपनियों ने आयोग को 40,016 करोड़ रुपए के राजस्व की जरूरत का प्रस्ताव सौंपा था। कंपनियों ने बिजली की दरों में 5.73 फीसदी का प्रस्ताव दिया था। इससे कंपनियों को करीब 2169 करोड मिलते। इस पर आयोग ने 3 7673 करोड़ की जरूरत और 730 करोड़ रुपए के घाटे को मंजूर किया है।
ऑनलाइन, एडवांस पेमेंट पर जारी रहेगी छूट
जानकार के मुताबिक प्रदेश की बिजली कंपनियों ने फरवरी 2020 में 5.73 बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव आयोग को दिया था, लेकिन कोरोनाकाल के कारण इस प्रस्ताव पर फैसला नहीं हो सका. आयोग ने गुरुवार को नया टैरिफ जारी कर दिया. आयोग के जारी टैरिफ में अब उपभोक्ताओं से मीटर किराया नहीं लिया जाएगा। लेकिन बिजली की दर में 1.98 फीसदी की वृद्धि उपभोक्ता को भरनी होगी। नई दरें 26 दिसंबर से लागू होंगी। हालांकि यह दरें अगले 3 महीनों के लिए होंगी। बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर आयोग अगले वित्त वर्ष के लिए 3 महीने बाद दोबारा दरें निर्धारित करेगा। विद्युत नियामक आयोग ने ऑनलाइन, अग्रिम भुगतान और प्रीपेड मीटर पर मिल रही छूट को जारी रखने का फैसला लिया.कांग्रेस ने बोला हमला, कमलनाथ ने किया ट्वीट
वहीं पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों के बीच बिजली महंगा करने पर कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि अबकी बार महंगाई से राहत देने वाली सरकार का नारा देने वाली बीजेपी जनता को महंगाई की आग में झोंक रही है. पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतों के बाद रसोई गैस सिलेंडरों के दामों में भारी वृद्धि और बिजली की दरों में वृद्धि की गई है. महंगाई डायन खाए जात है का नारा देने वाले कोरोना काल में भी जनता को महंगाई की मार के बोझ तले कुचल रहे हैं. कांग्रेस सरकार ने जनता को ₹100 में 100 यूनिट बिजली देकर राहत दी थी, लेकिन बीजेपी सरकार ने बिजली महंगी कर जनता के साथ धोखा किया है. कांग्रेस 19 दिसंबर को पेट्रोल डीजल किसान आंदोलन के समर्थन में विरोध दिवस मना रही है. उस दिन कांग्रेस बिजली की बढ़ी दरों के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन करेगी और जनहित में मूल्य वृद्धि को वापस लेने की मांग करेगी.