कार खरीदने से पहले इन बातों का रखे जरूर ध्यान.
कार (Car) खरीदने से पहले आप उसका माइलेज जरूर जान लें. क्योंकि पेट्रोल (petrol) की तुलना में डीजल (diesel) और सीएनजी कारों का माइलेज ज्यादा होता है. लेकिन अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई खासा अंतर नहीं बचा है. ऐसे में डीजल कार खरीदना समझादारी की बात नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated:
December 18, 2020, 5:46 AM IST
कार कंपनी का चुनाव कैसे करें- पहली कार का अनुभव लोगों को हमेशा याद रहता है. यदि किसी का अपनी कार के साथ पहला अनुभव ठीक नहीं रहा है तो उनके लिए हमारी यह सलाह जरूर काम आएगी. भारतीय बाजार में मारुति सुजुकी, हुंडई, टाटा, महिंद्रा, फोर्ड, किआ, फॉक्सवैगन, टोयोटा, होंडा, निसान, रेनो समेत कई कार कंपनियां मौजूद हैं. लेकिन इनमें मारुति सबसे ज्यादा कार बेचने वाली कंपनी है. वहीं, दूसरे नंबर पर हुंडई फिर टाटा का नाम आता है. ऐसे में जरूरी नहीं है कि, जो कार सबसे ज्यादा बिक रही है वह कार बेहतर है और जो सबसे कम बिक रही है उसका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं है. ऐसे में आप अपनी पसंद की कंपनी का चुनाव करें. आपके आसपास जो लोग कार चला रहे हैं, उनकी सलाह लें साथ ही, कार से जुड़े एक्सपीरियंस को भी जानें.
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कार खरीदते समय जरूरत का ध्यान रखें- कार कंपनी के सिलेक्शन के बाद आपकों देखना होगा कि आप कितने सीटर कार खरीदना चाहते है. यदि आपका परिवार छोटा है तो आपके लिए हैचबैक सही ऑप्शन होगी. यदि आपके परिवार में 5 से ज्यादा लोग है तो आपको 7 सीटर कार खरीदनी चाहिए. वहीं दूसरी यदि आपके शहर की सड़के खराब है तो आप एसयूवी खरीद सकते है. यदि आप ज्यादा लगेज लेकर चलते हैं तब आपके लिए सेडान कार ठीक रहेंगी.यह भी पढ़ें: हुंडई क्रेटा का 7 सीटर वेरिएंट जल्द होगा लॉन्च, जानिए लॉन्चिंग डेट और फीचर्स
कार का माइलेज और मेंटेनेंस खर्च समझना जरूरी- कार खरीदने से पहले आप उसका माइलेज जरूर जान लें. क्योंकि पेट्रोल की तुलना में डीजल और सीएनजी कारों का माइलेज ज्यादा होता है. लेकिन अब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई खासा अंतर नहीं बचा है. ऐसे में डीजल कार खरीदना समझादारी की बात नहीं है. क्योंकि डीजल कार का मेंटनेंस खर्च पेट्रोल कार की तुलना में कही ज्यादा होता है. दूसरी ओर सीएनजी की कीमत बेशक कम तो है. लेकिन सीएनजी किट की वजह से कार में स्पेस की कमी जरूर हो जाती है. ऐसे में आप अपनी पॉकेट और जरूरत के हिसाब से कार का चुनाव करें.
इंश्योरेंस और दूसरे पेपर- कार खरीदते वक्त इंश्योरेंस सबसे जरूरी होता है. लगभग सभी कंपनियां कार इंश्योरेंस अपने डीलर से करा के देती हैं, ऐसे में यदि आपको बाहर से इंश्योरेंस कम कीमत में मिल रहा है तब आप बाहर से ही इंश्योरेंस कराए.