राहत: इस साल ज्यादा खराब हुई, फसल का बीमा भी नहीं किया, इसलिए मिर्च का ज्यादा मिलेगा मुआवजा

राहत: इस साल ज्यादा खराब हुई, फसल का बीमा भी नहीं किया, इसलिए मिर्च का ज्यादा मिलेगा मुआवजा


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खरगोनएक दिन पहले

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  • अतिवृष्टि व कीट व्याधि नुकसानी की पहली किश्त में 17.21 करोड़ रु. आए, आज से खाते में डालेंगे

प्रदेश में किसान आंदोलन को ठंडा करने के लिए प्रदेश सरकार ने किसानों को तात्कालिक राहत जारी की है। इस साल 20 जिलों में कीट व्याधि, बाढ़ व अतिवृष्टि से खराब फसलों का लगभग 2000 करोड़ रुपए मुआवजा की पहली किस्त जारी की है। यह रकम 33 प्रतिशत है। अगली दो किस्त बाद में मिलेगी। जिले के 66 हजार 272 किसानों को 17 करोड़ 21 लाख 65 हजार रुपए की राशि शामिल है। शुक्रवार को किसानों के खातों में अंतरित की जाएगी। प्रभावित किसानों में लगभग 60 प्रतिशत मिर्च उत्पादक है, जिन्हें यह राहत राशि मिलेगी। इससाल जिले में मिर्च फसल का बीमा नहीं किया गया है। मिर्च को एक जिला एक उत्पाद फसल के रूप में शामिल किया गया है। फसल के प्रति उत्साह बना रहे। साथ ही किसानों का आगे कोई विरोध न हो इसलिए ज्यादातर रकम उन्हें मिलेगी। हालांकि इसमें 2019 में आपदा में खराब फसलों के मुआवजा की बाकी की रकम शामिल नहीं है। किसानों का पिछला 500 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। किसान मामलों को लेकर इंदौर में कमिश्नर पवन शर्मा व भारतीय किसान संघ प्रतिनिधियों की लगभग ढाई घंटे बैठक हुई। इसमें किसान मामलों को लेकर निर्णय लिए गए। केंद्र व राज्य सरकारों से जुड़े मामले उन्हें भेजे जाएंगे। जबकि जिलास्तरीय मामलों में कलेक्टर के माध्यम से हल निकाला जाएगा। किसानों ने नवीन सिंचाई परियोजनाओं की मंजूरी की बात भी रखी। बैठक में प्रदेश मंत्री दिनेश पाटीदार, जिलाध्यक्ष श्यामसिंह पवार, जिला जैविक प्रमुख गजानंद बांके मौजूद थे।

मिर्च उत्पादकों को ज्यादा नुकसान, कीट व्याधि का मुआवजा

  • जिले में 40 हजार हेक्टेयर में मिर्च लगाई गई। अनुमान है 60 प्रतिशत से ज्यादा फसल पर लगातार बारिश व तापमान में असंतुलन व वायरस के कारण नुकसानी हुई है। कीट व्याधि मानकर सर्वे हुआ।
  • 2.25 लाख हेक्टेयर में कपास फसल लगाई गई। अनुमान है 40% फसल प्रभावित हुई। मिर्च के सर्वे के साथ कपास फसल का भी सर्वे हुआ। उसके बाद अतिवृष्टि से बड़े पैमाने पर फसल को नुकसान हुआ।
  • सोयाबीन की 45 हजार रकबे में बुआई हुई। यह मध्य प्रदेश के कुल रकबे का 13 प्रतिशत के आसपास है। लगातार हो रही बारिश के कारण 50 प्रतिशत से ज्यादा फसल खराब हो गई।
  • {छोटी अवधि की मक्का, मूंग, चवला, उड़द फसलों को भी नुकसान हुआ। हालाकि इन फसलों का मुआवजा कम ही मिला है। सर्वे दलों के पहुंचने तक किसानों ने ही फसल को खेत से हटा लिया था।

ढाई घंटे की बैठक :
प्रतिनिधियों ने बताया कमिश्नर के साथ ढाई घंटे चली बैठक में 29 में से 27 मांगों पर चर्चा हुई। फसल का समर्थन मूल्य देने व भारतीय कपास निगम को 100% कपास खरीदी की बात रखी। हमारा कहना था माल पूरा खरीदो। यदि आप उसे खराब बताते हैं तो सरकार मुआवजा दे। कमिश्नर ने दोनाें मामले केंद्र सरकार से जुड़े होने से पत्र भेजने को कहा। जिलास्तर पर सीसीआई की खरीदी के लिए किसान संघ व अफसरों की समिति गठित होगी।

5 साल पहले 54 करोड़ मिला था, पिछले साल सिर्फ 1 किस्त
किसान प्रतिनिधियों ने बताया कि पांच साल पहले आई बाढ़ और आपदा से फसल नुकसानी पर किसानों को 54 करोड़ रुपए की राशि मिली थी। यह रकम एक किस्त में ही दी गई थी। पिछले साल अतिवृष्टि से काफी फसलों की नुकसान पहुंचा था। किसान आर्थिक रूप से कमजोर हो गए। सरकार ने मुआवजे की एक किस्त के बाद राशि नहीं दी गई।

एक हेक्टेयर मिर्च फसल का नहीं किया था बीमा

जिले में लगभग 40 हजार हेक्टेयर में मिर्च लगाई गई। बीमा कंपनी ने एक हेक्टेयर का भी बीमा नहीं किया। उद्यानिकी फसल में शामिल होने से मिर्च के प्रति हेक्टेयर 3500 रुपए बीमा प्रीमियम भरना होता है। आपदा में 6800 रुपए हेक्टेयर क्लेम मिलता है। सेवा सहकारी सोसायटियों के माध्यम से कुछ किसानों की प्रीमियम काटी गई। बीमा स्वैच्छिक होने से ज्यादा रकम नहीं थी। बाद में शासन-प्रशासन स्तर की लापरवाही के कारण बीमा नहीं हुआ। बीमा कंपनी ने हाथ खींच लिए। कई किसानों को प्रीमियम लौटानी पड़ी थी।

मंडी में किसान सम्मेलन आज, सीधा प्रसारण हाेगा
भू-अभिलेख अधिकारी पवन वास्केल ने बताया कि कृषि उपज मंडी में दोपहर 12 बजे कार्यक्रम में 66 हजार 272 किसानों के बैंक खातों में 17 करोड़ से ज्यादा की राशि अंतरित की जाएगी। प्रदेश में शुक्रवार को चार राज्यस्तरीय सम्मेलन होंगे। इसमें 35 लाख 50 हजार किसानों को खरीफ 2020 में नुकसानी की राशि खातों में अंतरित की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान रायसेन सम्मेलन में शामिल होंगे। पीएम नरेंद्र मोदी वीडियो कान्फ्रेंसिंग से कृषि कानूनों की जानकारी देंगे।

ये बोले जिम्मेदार

^ इससाल की कीट व्याधि व अतिवृष्टि प्रभावित नुकसानी का मुआवजा की 33% रकम है। पिछले साल के 500 करोड़ से ज्यादा की रकम सरकार ने नहीं दी। – श्यामसिंह पंवार, जिलाध्यक्ष भारतीय किसान संघ ^ राजस्व विभाग ने नुकसानी दल ने सर्वे कराकर रिपोर्ट भेजी है। वे ही आकलन व मुआवजा तय करते हैं। – एमएल चौहान, उप संचालक कृषि ^ मिर्च, कपास, सोयाबीन फसलों के मुआवजे की रकम है। पिछले साल का बजट जारी होते किसानों को राशि जारी ही दे दी जाएगी। – पवन वास्केल, अधीक्षक भू अभिलेख



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