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हरदा11 मिनट पहले
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हरदा। उत्कृष्ट स्कूल काे सैनिटाइज करते हुए कर्मचारी।
- पहले दिन शिक्षक पालकों से स्कूलों में या ऑनलाइन करेंगे चर्चा
काेराेना के संक्रमण से छात्र-छात्राओं काे बचाने के लिए 8 माह स्कूल बंद थे। निजी स्कूलों के लगातार बढ़ते दबाव के बाद सरकार 18 दिसंबर से 10वीं और 12वीं की कक्षाएं नियमित शुरू करा रही है। सुरक्षा के लिए कुछ पाबंदी लगाई गई।
अब विद्यार्थी स्कूलों में लंच नहीं कर सकेंगे। पीने का पानी हर विद्यार्थी काे घर से ही लेकर आना हाेगा। एक बैंच पर एक ही विद्यार्थी बैठेगा। स्कूल परिसर में समूह चर्चा पर भी राेक रहेगी। गुरुवार काे सरकारी व निजी स्कूलों में नई गाइड लाइन के अनुसार व्यवस्थाएं बदली गई। टेबल कुर्सी, बेंच, खिड़की दरवाजों के हैंडल, टाॅयलेट आदि सैनिटाइज किए गए। विद्यार्थी के आते ही उसे मास्क दिया जाएगा। थर्मल स्क्रीनिंग हाेगी।
पहले दिन शिक्षक पालकों से ऑनलाइन या स्कूलों में आने पर आमने सामने चर्चा भी करेंगे। स्कूलों में उन्हीं विद्यार्थियों काे प्रवेश मिलेगा, जाे अभिभावक की लिखित अनुमति लेकर आएंगे। हालांकि, छात्राें काे स्कूल आने की अनिवार्यता नहीं हाेगी। वे घर पर ऑनलाइन पढ़ाई जारी रख सकते हैं।
एक कमरे में अधिकतम 20 बच्चे ही बैठेंगे
सरकारी व निजी स्कूलों में 10वीं, 12वीं की कक्षाएं शुरू करने से पहले की तैयारियां गुरुवार काे की गई। स्कूलों में एक बेंच पर एक छात्र बैठेगा। बैठने का डायरेक्शन भी तय हाेगा। एक कमरे में औसतन 20 छात्र बैठेंगे। कमरे का आकार बड़ा है ताे भी उसमें 30 से अधिक छात्र नहीं बैठाए जा सकेंगे। छात्र-छात्राओं के लिए मास्क अनिवार्य हाेगा।
दाे शिफ्टों में लगाए जा सकेंगे स्कूल
10वीं, 12वीं की कक्षा में छात्र-छात्राओं की संख्या अधिक हाेने पर स्कूल दाे शिफ्टों में लगाए जा सकेंगे। इसका निर्णय स्थानीय स्तर पर प्राचार्य लेंगे। जिन शासकीय स्कूलों में जगह कम और विद्यार्थियों की संख्या अधिक है, उन स्कूलों में सुबह व दोपहर की शिफ्टों में स्कूल लगाए जाएंगे। स्कूलों काे राेजाना सैनिटाइज करना हाेगा।
पहले दिन पालक शिक्षक संघ की बैठक हाेगी
स्कूल खुलने के पहले दिन पालक शिक्षक संघ की बैठक (पीटीएम) हाेगी। इसमें 1-1 कर पालकों से शिक्षक चर्चा करेंगे। पालक चाहेंगे ताे स्कूल में काेराेना से बचाव के इंतजाम की हकीकत भी देख सकेंगे। इसके बाद शिक्षक उनसे काेविड-19 के सुरक्षा उपायों पर चर्चा करेंगे। पालकों की सहमति के बाद ही छात्र स्कूल अाएंगे।
पालकों का विराेध, नहीं देंगे 50% से अधिक फीस
इधर जागाे पालक जागाे और नाे स्कूल नाे फीस अभियान चला रहे पालक सचिन टांक, सचिन सिंघई, दीपक नेमा आदि ने बताया कि बच्चों की जान से बेपरवाह शासन ने निजी स्कूलों के दबाव में आकर फीस के लिए स्कूल खाेलने के आदेश दे दिए। लेकिन बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी काैन लेगा। उन्होंने बताया कि काेर्ट व सरकार के निर्णय के बाद निजी स्कूल संचालक पालकों पर पूरी फीस का बच्चों के जरिए ज्यादा दबाव बना रहे हैं।
पालक कलेक्टर, डीईओ से भी मिल चुके, लेकिन काेई कार्रवाई नहीं हुई। इससे नाराज सैकड़ों पालक जल्द ही बैठक कर निजी स्कूलों के सामने टेंट लगाकर प्रदर्शन करेंगे। स्कूल नहीं खुले, ऐसे में 50 प्रतिशत फीस से ज्यादा नहीं देंगे। प्रबंधन नहीं माने ताे बेमियादी आंदाेलन भूख हड़ताल तय है।