इस हवाला कांड में कई राजनेताओं, आईएएस आईपीएस अधिकारियों के नाम सामने आ रहे हैं.केंद्रीय निर्वाचन आयोग आयोग ने CBDT की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार, मप्र राज्य निर्वाचन आयोग को पत्र लिखा था. कमलनाथ सरकार के दौरान आयकर विभाग के छापे में 281 करोड़ की बेहिसाब नगदी का खुलासा हुआ था. हवाला कांड के तार मप्र से लेकर दिल्ली के एक राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय से जुड़े बताए जा रहे हैं.
मंत्री, विधायक, उम्मीदवार, विभाग, कंपनी, अफसरों के नाम
आयकर को मिले दस्तावेजों में प्रदेश के कई तत्कालीन मंत्रियों, विधायकों और लोकसभा उम्मीदवारों के साथ लेन-देन का भी उल्लेख था. तीन आईपीएस अफसरों सुशोभन बैनर्जी, संजय माने और बी. मधुकुमार के साथ राज्य पुलिस सेवा के अरुण मिश्रा पर पहले केस दर्ज होगा.कमलनाथ सरकार में संजय माने ADG लोकायुक्त, पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन थे. अभी संजय माने ADG महिला अपराध PHQ हैं.सुशोभन बनर्जी EOW DG थे. अभी बनर्जी पुलिस अकादमी सागर में डायरेक्टर हैं. व्ही मधुकुमार ADG उज्जैन और DG EOW और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर थे. रिश्वत का वीडियो वायरल होने के बाद से पुलिस मुख्यालय में अटैच हैं.उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है. अरुण मिश्रा SP EOW थे. फिलहाल वो SAF में हैं.ये कंपनी लिस्टेड
छापे में पीडब्ल्यूडी, शिवा कॉर्पोरेशन, मोंटाना, डिजियाना, कार्निवल ग्रुप, नगरीय विकास, सिंचाई, महिला एवं बाल विकास (पोषण आहार) और परिवहन विभागों-कंपनियों के नाम भी सामने आ रहे हैं.
ये है पूरा मामला…
कमलनाथ सरकार के दौरान मई 2019 में उनके सलाहकार रहे राजेंद्र मिगलानी, रिश्तेदार रतुल पुरी की कंपनी मोजर बियर के लोगों, ओएसडी रहे प्रवीण कक्कड़, इंदौर के हवाला कारोबारी ललित कुमार छजलानी, कांट्रेक्टर अश्विनी शर्मा, प्रतीक जोशी, हिमांशु शर्मा समेत 52 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई हुई थी. यह कार्रवाई मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक और गोवा में भी की गई थी.