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- The Allegation Of Digvijay, Neeraj Vashistha, A Close Officer Of Shivraj, Sent 50 Crore Rupees To The CM Of Gujarat Twice In 2013.
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भोपाल19 मिनट पहले
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पूर्व मुख्मयंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी अफसर नीरज वशिष्ठ पर गंभीर आरोप लगाए।
- ई-टेंडरिंग घोटाले से बचने के लिए बीजेपी ने गिराई थी कांग्रेस सरकार
- जिस अफसर ने यह घोटाला पकड़ा, वह अब सीएम के प्रमुख सचिव हैं
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की रिपोर्ट में अफसरों के साथ कांग्रेस नेताओं के नाम उजागर होने के बाद कांग्रेस ने पलटवार किया है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे करीबी अफसर नीरज वशिष्ठ ही पैसों का लेन-देन का काम देखते हैं। 2013 में आयकर ने छापे मारे थे। जिसमें कम्प्यूटर की जांच में यह जानकारी मिली थी कि 12 और 29 नवंबर 2013 को नीरज वशिष्ठ ने गुजरात के मुख्यमंत्री को 5-5 करोड़ रुपए दिए गए। ऐसी कई एंट्री आयकर विभाग को मिली थी। दिग्विजय ने कहा कि उस समय जब डायरी और कम्प्यूटर से मिली जानकारी के आधार पर नीरज वरिष्ठ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीरज वरिष्ठ प्रथम श्रेणी के अफसर हैं। प्रथम श्रेणी के अफसर पूर्व मुख्यमंत्री का ओएसडी नहीं बनाया जा सकता, लेकिन शिवराज सिंह ने तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ से कह कर नियमों के विरूद्व वशिष्ठ की पोस्टिंग कराई थी।
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि सीबीडीटी की रिपोर्ट में जिन अफसरों के नाम हैं, वे ई टेंडरिंग घोटाले की जांच कर रहे थे। शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल में 1 हजार करोड़ का घोटाला हुआ। जिसने यह घोटाला पकड़ा वे सीएम के प्रमुख सचिव हैं। यदि पांच साल मौका मिलता तो शिवराज सरकार के कई मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई हाेती। इससे बचने के लिए बीजेपी ने कमलनाथ सरकार को गिराया था।
कमलनाथ सरकार के दौरान लोकसभा और विधानसभा चुनावों में काले धन के इस्तेमाल के मामले में पड़े इनकम टैक्स रेड के दस्तावेजों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम सामने आने के बाद मध्य प्रदेश की सियासत में हड़कंप मच गया है। इस मामले में सफाई पेश करने के लिए एमपी कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई। पीसी को दिग्विजय सिंह ने संबोधित किया। इस दौरान उनके साथ जीतू पटवारी और अरुण यादव भी मौजूद रहे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जो जांच करानी है करा लें, कांग्रेस का कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। हम जमीन से अदालत तक लड़ाई लड़ेंगे।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कैलाश विजयवर्गीय ने सांवेर की बैठक में कहा था कि कमलनाथ सरकार को गिराना जरूरी था, वरना हम बर्बाद हो जाते। उन्होंने कुछ दिन पहले ही स्वीकार किया था कि कमलनाथ की सरकार प्रधानमंत्री मोदी ने गिराई। उन्होंने ने कहा कि सीबीडीटी और आयकर विभाग ने गोपनीयता भंग की है। जानबूझकर लिस्ट लीक की गई है। इसकी जांच होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने मीडिया को 5-5 करोड़ रुपए बैंक खाते से ट्रांसफर किए जाने के दस्तावेजी सबूत भी दिए है।