केंद्रीय मंत्री से किसान पर बात: ठाकुर – विपक्ष पहले भी फेल था, अब भी फेल है, विपक्ष को सच्चाई दिखाई नहीं दे रही, वे किसानों को भ्रमित कर गुमराह कर रहे

केंद्रीय मंत्री से किसान पर बात: ठाकुर – विपक्ष पहले भी फेल था, अब भी फेल है, विपक्ष को सच्चाई दिखाई नहीं दे रही, वे किसानों को भ्रमित कर गुमराह कर रहे


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इंदौर29 मिनट पहलेलेखक: हेमंत नागले

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केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री ठाकुर इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया के अधिवेशन में शामिल होने आए थे।

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर शनिवार को एक दिन के प्रवास पर इंदौर पहुंचे। वे इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) के 48वें अधिवेशन में शामिल होने आए थे। ठाकुर ने इस दौरान देश में चल रहे किसान आंदोलन पर खुलकर अपनी बात रखी। इसके अलावा उन्होंने आने वाले बजट को लेकर भी बात की। किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने 99 फीसदी किसानों को सरकार के पक्ष में बताया। वहीं, एक फीसदी किसानों को भरमाए जाने के कारण विरोध में खड़ा होना बताया।

ठाकुर ने कहा कि इस कानून के आने के बाद अब किसान देश के किसी भी कोने में किसी को भी अपनी फसल बेच सकता है। इस कानून से ना केवल किसानों को अपनी उपज बेचने की आजादी मिली है, बल्कि यह कानून उन्हें ताकत भी देगा। एक फीसदी किसान जो विरोध में हैं, उनके कारण 99 फीसदी किसानों का नुकसान नहीं होना चाहिए। मोदी सरकार देश के 12 करोड़ किसानों के बैंक अकाउंट में अब 6 हजार रुपए डाल रही है। यह उनके खाद बीज के काम आएगा। इसके पहले किस पार्टी ने किसानों के खाते में इतने रुपए डाले हैं। सरकार ने फसल बीमा योजना के प्रीमियम के 14 हजार करोड़ रुपए तो जमा करवाए ही, उन्हें 70 हजार करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में भी दिए। पीएम साफ कह चुके हैं कि समर्थन मूल्य पर उपज की खरीदी बंद नहीं होगी।

केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने अधिवेशन को संबोधित किया।

केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने अधिवेशन को संबोधित किया।

केंद्रीय राज्यमंत्री ठाकुर ने दैनिक भास्कर से बजट से लेकर किसानों के मामले में बात की।

  • सवाल : बजट को लेकर क्या इस बार भी व्यापारियों से सुझाव लिए जा रहे हैं।
  • जवाब : हां, व्यापारियों ने अपने-अपने सुझाव रखे हैं। उन्होंने तो मोदी सरकार को धन्यवाद भी दिया है। व्यापारियों का कहना है कि कॉर्पोरेट टैक्स में 15 फीसदी की जो कमी प्रधानमंत्री लेकर आए हैं, उससे वे खुश हैं। आत्मनिर्भर भारत के लिए व्यापारियों ने धन्यवाद देते हुए कहा कि बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ रुपए जो कॉर्पोरेट सेक्टर को दिए गए हैं, उससे बिना गारंटी के अब बैंक द्वारा उन्हें ऋण भी मिल रहा है।
  • सवाल : आने वाले बजट से इस बार आम सहित अन्य वर्ग क्या उम्मीद करे।
  • जवाब : बजट से पहले कुछ भी कहना असंभव है, लेकिन इस बार के बजट से पहले हम आम जनता से सुझाव मांगेंगे और देश से यह सुझाव लेंगे कि आने वाले बजट में वह क्या चाहते हैं, इस बार का बजट ऐतिहासिक होगा।
  • सवाल : किसान आंदोलन कब तक चलेगा, क्या सरकार किसानों तक अपनी बात नहीं पहुंचा पा रही है, जो समाधान नहीं निकल पा रहा है।
  • जवाब : किसान आंदोलन को लेकर हम लगातार बातचीत कर रहे हैं। लोकतंत्र में बातचीत करने से ही कोई समाधान निकलेगा। कई किसानों ने जहां बिल का स्वागत किया है, वहां कुछ किसानों को भ्रमित किया गया है। अगर इनकी संख्या में बात करें तो समर्थन में 99 फीसदी होंगे और बचे हुए विरोध में यानी एक फीसदी। मोदी सरकार ने एमएसपी के दाम बढ़ा दिए हैं। वहीं, खरीद को भी दोगुना की है। हमारी और यूपीए सरकार के कार्यकाल की यदि तुलना करेंगे तो उन्होंने 5 साल में खरीदी में 3 लाख 75 हजार करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि मोदी सरकार ने 2014 से 2019 तक 8 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। जो पिछली सरकार से ढाई गुना ज्यादा है।
  • सवाल : विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर पेट्रोल, डीजल और गैस के बढ़े दामों को लेकर हमलावर है।
  • जवाब : विपक्ष पहले भी फेल था, अब भी फेल है, विपक्ष को सच्चाई दिखाई नहीं दे रही है। कुछ किसानों को भ्रमित कर उन्हें गुमराह किया जा रहा है।
  • सवाल : आने वाले समय में क्या सरकार की निवेश को लेकर कोई बड़ी प्लानिंग है।
  • जवाब : सरकार जल्द नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइप लाइन पर काम कर रही है। इसके लिए 105 लाख करोड़ रुपए खर्च तय किया गया है। काम के पूरे होने पर देश में निवेश तो बढ़ेगा ही, इससे हमारी आमदनी में भी काफी बढ़ोत्तरी होगी। बजट में सरकार अपना खर्चा और बढ़ाएगी।



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