वारदात का किया पर्दाफाश: लूट की सूचना देने वाला ही निकला संदेही, पुलिस ने लिया हिरासत में

वारदात का किया पर्दाफाश: लूट की सूचना देने वाला ही निकला संदेही, पुलिस ने लिया हिरासत में


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सारंगपुर16 घंटे पहले

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  • लीमाचौहान पुलिस ने स्वरचित लूट की वारदात का किया पर्दाफाश

लूट की वारदात का पुलिस ने दो दिन में खुलासा कर दिया है। खुलासे में बड़ी बात यह सामने आई कि जिसने लूट होने की सूचना दी थी, पुलिस ने उसे ही संदेही के रूप में हिरासत में ले लिया है। पुलिस के अनुसार सूचनाकर्ता ने ही लूट की पूरी योजना बनाई थी।

जानकारी के अनुसार डायल 100 पर कॉल कर अपना नाम प्रकाश राठाैर बताया और सूचना दी कि संडावता और भ्यांना के बीच रास्ते में पप्पू भील और प्रकाश भील के साथ ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो से 4 अज्ञात व्यक्तियों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। 100 डायल स्टाफ द्वारा थाना प्रभारी को सूचना दी गई। सूचना पर थाना प्रभारी व स्टाफ घटनास्थल पर पहुंचे। थाना प्रभारी द्वारा उक्त व्यक्तियों से पूछताछ की और उन्होंने बताया कि मेरा नाम पप्पू भील है। मैं ड्राइवर का काम करता हूं। ग्राम कसरबद्दली पोस्ट मोहनपुरा जिला झाबुआ का रहने वाला हूं।

मैं और मेरे अंकल प्रकाश भील छबड़ा मंडी राजस्थान से मटर बेचकर बोलेरो पिकअप से घर जा रहे थे, तभी संडावता और भ्यांना के बीच रास्ते में ब्लैक कलर की स्कार्पियो से चार अज्ञात व्यक्तियों ने हमारी गाड़ी के आगे गाड़ी लगाकर हमें रोका और गाड़ी से उतरकर मुझ पर और मेरे चाचा पर पिस्टल अड़ा दी और हमारे साथ मारपीट कर पेटी में रखे 1 लाख 2 हजार 250 रुपए और 20 हजार कीमत के 2 मोबाइल छीन कर भाग गए।

साइबर सेल की मदद से फरियादियों पर हुई शंका- थाना प्रभारी एवं टीम द्वारा मामले को प्राथमिक संज्ञान में लेते हुए तुरंत तस्दीक की गई। दोनों व्यक्तियों से पूछताछ करने पर उन पर संदेह हुआ। इस पर उक्त व्यक्तियों के मोबाइल नंबर के बारे में साइबर सेल राजगढ़ से मामले में कुछ गड़बड़ होना एवं फरियादियों का आचरण संदिग्ध होना पाया। ग्राम भ्यांना से लीमा चौहान तक सभी सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखने पर उक्त व्यक्तियों द्वारा बताए गए हुलिये की ब्लैक कलर की स्कार्पियो गाड़ी उस टाइम पीरियड में निकली ही नहीं थी। तस्दीक करने पर पाया कि पप्पू और प्रकाश भील दोनों द्वारा लूट की वारदात की झूठी कहानी रची गई थी। बल्कि इन लोगों ने जो नकद रुपए 1 लाख 2 हजार 250 छबड़ा मंडी से मिले थे।

कलेरा कियोस्क से अपने बुआ के लड़के गोपाल दांगी के खाते में ट्रांसफर कर दिए और अपने मोबाइल जीरापुर के आसपास रास्ते में कहीं पर छुपा दिए और अपने हाथों से कपड़े फाड़कर हमारे साथ लूट हो गई, ऐसा अपने सेठ गाड़ी मालिक को बताया और पुलिस को लूट की वारदात की झूठी सूचना दी गई। इनकी रही सराहनी भूमिका- उक्त कार्रवाई में थाना प्रभारी उमाशंकर मुकाती एवं उनकी टीम के पीएसआई अमित त्यागी, प्रधान आरक्षक आनंदीलाल भिलाला, साइबर सेल राजगढ़ के रवि कुशवाह, प्रदीप शर्मा, आरक्षक कमल गुर्जर, वीरेंद्र कुशवाहा एवं राधारमण मीणा का सराहनीय योगदान रहा।



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