एडिलेड टेस्ट के पहले दो दिन भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया (India vs Australia) पर दबदबा बनाया हुआ था. लेकिन तीसरे दिन के खेल पहले घंटे ही यह टेस्ट भारतीय टीम के हाथों से निकल गया. आइये जानते हैं टीम इंडिया की हार के 5 बड़े कारण:
सलामी बल्लेबाजों का खराब प्रदर्शन
टेस्ट क्रिकेट में किसी भी पारी में पहले घंटे का खेल बेहद अहम माना जाता है. सलामी बल्लेबाज कोशिश करते हैं कि गेंद की चमक थोड़ी धीमी और पिच का मिजाज समझा जाए. भारत ने इस टेस्ट मैच में केएल राहुल और शुभमन गिल पर पृथ्वी शॉ को तरजीह दी. शॉ पहली पारी में बिना खाता खोले ही मिचेल स्टॉर्क की गेंद पर बोल्ड हो गए. दूसरी पारी में भी जब भारत के पास 53 रनों की बढ़त थी तो शॉ अपनी कमजोरी दूर करने में नाकाम रहे. उन्हें पैट कमिंस ने अंदर आती गेंद पर बोल्ड मारा. इसके अलावा आईपीएल में दमदार प्रदर्शन करने वाले मयंक अग्रवाल इस टेस्ट मैच में खरे नहीं उतरे. मयंक ने दोनों पारियों में 40-40 गेंदें खेली लेकिन पहली पारी में वह सिर्फ 17 और दूसरी पारी में 9 रन ही बना सके.4,9,2,0,4,0,8,4,0,4,1 यह कोई मोबाइल नंबर नहीं, टीम इंडिया का स्कोरकार्ड है
विराट कोहली का रन आउट होना
पहले दिन एक समय विराट कोहली-अजिंक्य रहाणे की जोड़ी क्रीज पर पूरी तरह जम चुकी थी. दोनों खिलाड़ियों के बीच चौथे विकेट के लिए 88 रनों की साझेदारी हो चुकी थी लेकिन रहाणे की एक गलती टीम इंडिया पर भारी पड़ गई. एक समय कोहली 74 रन बना चुके थे और शतक की ओर बढ़ते नजर आ रहे थे. कोहली के साथ बल्लेबाजी कर रहे टीम के उपकप्तान अजिंक्य रहाणे ने उन्हें एक रन लेने के लिये पुकारा लेकिन बाद में पीछे हट गए. इस बीच नाथन लियोन ने कोई गलती नहीं की और कोहली को रन आउट कर दिया. इसके बाद टीम इंडिया की पारी ताश के पत्तों की तरह ढह गई. भारत के आखिरी सात विकेट सिर्फ 56 रनों के भीरत गिरे.
भारतीय खिलाड़ियों ने छोड़े आसान कैच
भारतीय टीम के खिलाड़ी इस मैच में बच्चों जैसी फील्डिंग करते हुए नजर आए. ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी जल्द ही सिमट जाती लेकिन भारतीय खिलाड़ियों ने जमकर कैच टपकाया. ऑस्ट्रेलिया की ओर से पहली पारी में 47 रन बनाने वाले मार्नस लाबुशेन का कैच तो तीन बार छूटा. रिद्धिमान साहा, जसप्रीत बुमराह और पृथ्वी शॉ ने मार्नस लाबुशेन के बेहद आसान कैच टपकाए. इसके अलावा भी भारतीय खिलाड़ियों ने कई कैच छोड़े.
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दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजी ढही
मैच की दूसरी पारी में भारतीय टीम सिर्फ 128 गेंदों का सामना कर सकी. जोश हेजलवुड और पैट कमिंस की आग उगलती गेंदों के सामने कोई भी भारतीय बल्लेबाज टिक नहीं सका. चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे और रविचंद्रन अश्विन तो खाता खोलने में भी असफल रहे. वहीं विराट कोहली समेत कोई भी बल्लेबाज दहाई अंक का आंकड़ा छूने में नाकाम रहा. जोश हेजलवुड ने पांच और पैट कमिंस ने चार विकेट चटकाया. कमिंस की गेंद पर चोटिल होने के चलते मोहम्मद शमी को रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा. भारतीय टीम नौ विकेट खोकर सिर्फ 36 रन ही बना सकी.
भारतीय टीम को पिंक बॉल का अनुभव नहीं
भारतीय टीम पिंक बॉल से अपना सिर्फ दूसरा टेस्ट खेल रही थी. इससे पहले उसने बांग्लादेश के खिलाफ एक मात्र डे नाइट टेस्ट खेला है जहां पिंक बॉल से गेंदबाजी होती है. पिंक बॉल से टेस्ट खेलने के मामले में ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड बेहतर है.