कांग्रेस के फॉर्मूले पर नगर निकाय चुनाव के दावेदार यकीन नहीं कर पा रहे.
नगर निकाय चुनावों के दावेदार न तो जिला कांग्रेस पर भरोसा कर पा रहे हैं और न ही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर. पार्टी की गाइडलाइन जारी होने के बावजूद दावेदार वरिष्ठ नेताओं और प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं.
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December 20, 2020, 12:28 PM IST
पीसीसी में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कांग्रेस के संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, पीसीसी प्रभारी राजीव सिंह से लेकर दिग्विजय सिंह तक के बंगले पर दावेदार अपनी दावेदारी जताने का काम कर रहे हैं. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि जिला स्तर पर उम्मीदवार चयन को लेकर समितियों का गठन हो चुका है. लेकिन यदि कोई पीसीसी दफ्तर आ रहा है तो उसको रोका नहीं जा सकता है। लेकिन, उम्मीदवार का चयन जिला स्तर पर गठित समिति के जरिए ही होगा.
प्रभारी और सह प्रभारियों के नाम जारी कर चुकी कांग्रेस
दरअसल कांग्रेस पार्टी ने उम्मीदवार चयन को लेकर नगरी निकायों के लिए प्रभारी और सह प्रभारियों के नाम का ऐलान कर दिया है. साथ ही हर जिले में पार्टी नेताओं की एक समिति का गठन किया गया है, जो उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया को पूरा करेगी. कांग्रेस की इस पहल के बाद भी दावेदार पार्टी नेताओं की परिक्रमा कर अपना टिकट पक्का करने में लगे हुए हैं.बीजेपी ने कसा तंज –खत्म हो रही कांग्रेस
वहीं कांग्रेस में नगरी निकाय चुनाव की तारीखों से पहले टिकटों को लेकर मची खींचतान पर बीजेपी ने तंज का कसा है. पूर्व मंत्री रामपाल सिंह ने कहा है कि कांग्रेस अब खत्म हो रही है और जो बचे हुए कांग्रेसी हैं वह कांग्रेस की नीति रीति से परेशान होकर पार्टी छोड़ने में लगे हुए हैं. नगरी निकाय चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले यह सब सामने आने लगा है.
मुकुल वासनिक के सामने ही भिड़ गए थे दावेदार
दरअसल हाल ही में ग्वालियर में नगरी निकाय चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने गए प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक के सामने दावेदारों के बीच झूमा झटकी हो गई थी. आलम यह की टिकट पाने को लेकर दावेदार जिला स्तर पर गठित समिति और प्रभारी से प्रभारियों से ज्यादा अपने आला नेता पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैं. और यही कारण है कि जिला स्तर पर समितियों के गठन के बाद भी दावेदारों की भोपाल दौड़ जारी है. सवाल यह कि कांग्रेस में समितियों की अनुशंसा पर टिकट का वितरण होगा या फिर पार्टी के बड़े नेताओं की सिफारिश पर ही टिकट बांटे जाएंगे.