हर्षित सिंघई ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ी थी.
जबलपुर (Jabalpur) के एक भाजपा कार्यकर्ता को कांग्रेस ने अपनी यूथ विंग में प्रदेश सचिव बना दिया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के समर्थक माने जाने वाले हर्षित सिंघई (Harshit Singhai) ने कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था. यही नहीं, उन्होंने कांग्रेस छोड़ने की जानकारी पार्टी को दे दी थी.
हर्षित सिंघई ने पत्र लिखकर दी थी जानकारी
दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ आठ 8 महीने पहले कांग्रेस छोड़ते वक्त पार्टी छोड़ने के साथ ही हर्षित ने कांग्रेस और युवा कांग्रेस के तमाम जिम्मेदार पदाधिकारियों को पत्र लिखकर और सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी छोड़ने की जानकारी भी दे दी थी. बावजूद इसके उन्हें 8 महीने बाद सचिव बनाना बड़ी चूक नजर आ रही है. हर्षित के अनुसार यह मामूली गलती नहीं है बल्कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों में होने वाली धांधली का परिणाम है.
भाजपा ने साधा कांग्रेस पर निशानाकांग्रेस की इस गलती पर भाजपा प्रवक्ता जमा खान ने तंज कसा है. उन्होंने कांग्रेस के अंदर मचे घमासान को इसके लिए जिम्मेदार बताया है. जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक हर्षित कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं और वे किसी भी सूरत में इस पद को स्वीकार करने कांग्रेस में वापस नहीं जाना चाहते हैं.
नगर निकाय चुनाव की तैयारी में जुटी कांग्रेस, लेकिन…
प्रदेश में होने वाले नगरी निकाय चुनाव को लेकर कांग्रेस ने जो फार्मूला ईजाद किया है वह फेल साबित होता हुआ नजर आ रहा है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने निकाय चुनाव को लेकर तय किया है कि स्थानीय स्तर पर ही उम्मीदवारों का चयन होगा और जिला स्तर पर गठित समिति की अनुशंसा पर उम्मीदवार तय किए जाएंगे. लेकिन, जिला कांग्रेस समिति पर भरोसा ना कर दावेदार पीसीसी दफ्तर और पार्टी नेताओं की परिक्रमा करते हुए नजर आ रहे हैं. ग्वालियर चंबल से लेकर मालवा संभाग तक के दावेदार पीसीसी पहुंचकर पार्टी नेताओं से मुलाकात कर बायोडाटा देने का काम कर रहे हैं. जबकि पीसीसी में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, कांग्रेस के संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, पीसीसी प्रभारी राजीव सिंह से लेकर दिग्विजय सिंह तक के बंगले पर दावेदार अपनी दावेदारी जताने का काम कर रहे हैं. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा है कि जिला स्तर पर उम्मीदवार चयन को लेकर समितियों का गठन हो चुका है. लेकिन यदि कोई पीसीसी दफ्तर आ रहा है तो उसको रोका नहीं जा सकता है। लेकिन उम्मीदवार का चयन जिला स्तर पर गठित समिति के जरिए ही होगा.