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ग्वालियर21 घंटे पहले
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शहर में एक तरफ कोरोना संक्रमण के मामले कम होते जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सैंपलिंग और टेस्टिंग की गति में भी तेजी आ रही है। दिसंबर की ही बात करें तो बीते 19 दिनों में रिकाॅर्ड 38334 लोगों की जांच की गई। यह आंकड़ा इसलिए भी राहत से भरा हुआ है क्योंकि इससे पूर्व एक माह में सर्वाधिक सैंपलों की जांच अक्टूबर (38184) में हुई थी।

किस माह कितने सैंपल की जांच हुई
सुकून देनी वाली खबर यह भी है कि सैंपलिंग और टेस्टिंग की रफ्तार बढ़ने के बाद भी शहर की संक्रमण दर नियंत्रण में है। अक्टूबर में शहर की संक्रमण दर 4.38 रही, जबकि दिसंबर में 2.71 है। बीते साढ़े पांच माह के आंकड़े पर नजर डालें, तो दिसंबर में शहर की संक्रमण दर अब तक सबसे कम रही है।
इन दो कारणों से बढ़ी जांच
फीवर क्लीनिक: शहर में संचालित दो दर्जन से अधिक फीवर क्लीनिकों पर रैपिड एंटीजन किट के माध्यम से जांच की जा रही है। मात्र आधे घंटे में टेस्ट का परिणाम पता चल जाने के कारण लोग इन क्लीनिक पर जांच को ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। इसमें ज्यादा समय भी नहीं लगता है।
ग्रामीण क्षेत्र: शहरी क्षेत्र में जहां लोग सैंपलिंग कैंप में आकर सैंपलिंग कराने से कतरा रहे हैं, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लग रहे कैंप में लोग स्वेच्छा से टेस्ट कराने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।
एंट्री प्वाॅइंट के पास स्थित गांव में टेस्टिंग: जिला अस्पताल मुरार की टीम शहर के एंट्री प्वाॅइंट के पास स्थित गांव में सैंपलिंग कर रहे हैं। ऐसे में न केवल स्थानीय गांव के लोगों के सैंपल लिए जाते हैं, बल्कि जो लोग बाहर की सीमा से शहर में प्रवेश करते हैं। उनके भी सैंपल लिए जाते हैं। इससे बाहर से आने वाले व्यक्ति की शहर में प्रवेश होते ही जांच हो जाती है।