शासकीय कालेज: जिले का एक कालेज बंद हाेगा, अभी नाम साफ नहीं, डाेलरिया पर मंडराया संकट

शासकीय कालेज: जिले का एक कालेज बंद हाेगा, अभी नाम साफ नहीं, डाेलरिया पर मंडराया संकट


Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप

हाेशंगाबाद14 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

राज्य शासन जिले में एक शासकीय कालेज बंद कर सकता है। इस पर विचार किया जा रहा है। अभी कालेज का नाम साफ नहीं हुआ है। कालेज में छात्राें की उपस्थिति कम रहने के कारण यह निर्णय लिया जा रहा है। हाेशंगाबाद के एक कालेज के अलावा प्रदेश में 50 से ज्यादा कालेज बंद हाे रहे हैं।

कालेज कब से बंद हाेगा यह निर्णय अभी नहीं हुआ है, यह जरूर है कि जिन्हाेंने कालेज में प्रवेश लिया है, उन छात्र-छात्राओं काे दूसरे कालेज में पढ़ाया जाएगा। कालेज सूत्राें के अनुसार डाेलरिया कालेज बंद हाे सकता है। राज्य सरकार ने लाॅकडाउन के बाद कालेज खाेले हैं, लेकिन कालेजाें में सुविधाएं कम हैं। भवन पूरे नहीं है ताे छात्राें की माैजूदगी भी कम रही है। इसे देखते हुए शासन यह निर्णय ले रहा है। हाेशंगाबाद में छात्र-छात्राओं की संख्या का मापदंड और कालेज बिल्डिंग अधूरा हाेना रहेगा। अभी जिले के कालेज का नाम ओपन हाेना है। लीड कालेज प्राचार्य कामिनी जैन ने बताया कि उनके पास अभी इस संबंध में काेई लिखित आदेश या पत्र नहीं आया है। हमारे पास ऐसे काेई जानकारी कहीं से नहीं आई है। यदि शासन से कुछ आएगा ताे उसे बताएंगे।

डाेलरिया कालेज हाे सकता है बंद
शासन ने जिले के कालेजों में छात्राें की संख्या बुलाई थी। इसमें सबसे कम संख्या डाेलरिया के कालेज की निकली है। यहां 155 छात्र ही प्रवेश पिछले साल ले पाए थे। जबकि कालेजाें में कम से कम 450 की संख्या हाेना चाहिए। अभी जिले के 15 कालेजाें में सबसे कम संख्या इसी कालेज की है। इस कारण यह कालेज बंद हाे सकता है। अभी यह कालेज सरकारी स्कूल की बिल्डिंग के दाे कमरे में लगता है। शासन ने कालेज के लिए जमीन दी। यहां नई बिल्डिंग बनने का काम शुरू हुआ, लेकिन इस समय काम बंद है। इसलिए भवन अधूरा है।



Source link