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ग्वालियरएक दिन पहले
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शनिवार को सीरो सर्वे का पहला सैंपल देते विनय नगर निवासी सीए देवेश जैन।
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह की फटकार के बाद शनिवार से सीरो सर्वे तो शुरू कर दिया गया लेकिन प्लानिंग की कमी के चलते पहले दिन सिर्फ दस लोगों के ही सैंपल लिए जा सके। जबकि जीआरएमसी के पीएसएम डिपार्टमेंट और स्वास्थ्य विभाग ने संयुक्त रूप से प्रत्येक टीम को रोजाना 20 सैंपल (यानी 66 वार्डों में दिनभर में 1320 सैंपल) लेने का लक्ष्य तय किया है।
कलेक्टर की फटकार के बाद आनन-फानन में मेडिकल काॅलेज, स्वास्थ्य सहित अन्य विभाग के स्टाफ को सुबह 10 बजे भगवत सहाय सभागार में बुलाया गया था। लेकिन ट्रेनिंग सत्र लंबा चलने के कारण पुलिस व निगम के कर्मचारी ढाई बजे के आसपास प्रशिक्षण स्थल छोड़कर जाने लगे। सीएमएचओ डाॅ. मनीष शर्मा ने जो स्टाफ स्थल पर मौजूद था, उन्हें निर्धारित वार्ड में भेजकर सीरो सर्वे शुरू कराया। जानकारी के अनुसार पहले दिन 66 में से 6 टीम ही सर्वे के लिए मैदान में उतरी और सिर्फ 10 सैंपल लिए।
मुझे डायबिटीज है, सैंपल देने की जरूरत नहीं
सर्वे की टीम जब शब्द प्रताप आश्रम काॅलोनी नंबर-3 (वार्ड-2) स्थित द्वारिका प्रसाद सक्सेना के घर पहुंची और ब्लड सैंपल देने की बात कही तो वहां मौजूद महिला सदस्य ने यह कहते हुए सैंपल देने से मना कर दिया कि उन्हें डायबिटीज है। चूंकि, कोरोना काल में वे घर से बाहर नहीं गई हैं। इसलिए उन्हें सैंपल देने की जरूरत नहीं है।