इंदौर के वकील बार काउंसिल ऑफ इंडिया की बात को तवज्जो नहीं दे रहे. (प्रतीकात्मक फोटो)
इंदौर में वकील बार काउंसिल ऑफ इंडिया की भी नहीं सुन रहे. ऐसे में वे कई सुविधाओं से हाथ धो सकते हैं. बार काउंसिल ऑफ इंडिया साल में 5 बार जानकारी भेजने की तारीख बदल चुका है. इंदौर में करीब साढ़े छह हजार वकील हैं, जिनमें से 60 फीसदी ने जानकारी नहीं भेजी है.
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December 20, 2020, 2:27 PM IST
बताया जाता है कि इंदौर में वकीलों पर कोरोना की मार पड़ी है. हाईकोर्ट के साथ-साथ जिला कोर्ट भी कोरोना की चपेट में आ गया है. लगातार पॉजिटिव केस मिलने के बाद जिला न्यायालय के स्टेनोग्राफर की इलाज के दौरान मौत हो गई. 51 साल के कर्मचारी का 2 दिन से एमटीएच अस्पताल में इलाज चल रहा था.
हाई कोर्ट जस्टिस का कोरोना से हो गया था निधन
इंदौर हाई कोर्ट में पदस्थ जस्टिस वंदना कसरेकर का आज सुबह मेदांता अस्पताल में कोरोना से निधन हो गया. वे 60 साल की थीं. उनके निधन से विधि जगत में शोक की लहर दौड़ गई.कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उन्हें इंदौर के मेंदाता अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें एयरलिफ्ट कर दिल्ली ले जाना था लेकिन हालत नाजुक होने की वजह से ऐसा नहीं हो सका.इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अमर सिंह राठौर ने बताया कि एक साल बाद न्यायामूर्ति वंदना कसेरकर रिटायर होने वाली थीं. वे लंबे समय से शहर के मेदांता अस्पताल में ही अपना इलाज करा रही थीं. कुछ दिनों पहले दिल्ली के अस्पताल में उन्हें एयरलिफ्ट भी किया जाना था, लेकिन हालत अधिक नाजुक होने के कारण उन्हें एयरलिफ्ट भी नहीं किया जा सका. कोविड नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने इस बात की पुष्टि की थी कि न्यायाधीश को कोरोना था. डॉक्टर के मुताबिक, उनके निधन के पीछे मल्टीलेवल ऑर्गन्स फेल होना भी वजह है.