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- One Crore In Freeze Account Policemen Sold, See 22 Lakhs Deal To Free Account In India; Sudden Loot Opened The Secret
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जबलपुर40 मिनट पहले
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नोएडा पुलिस की गिरफ्त में आए तीनों पुलिस कर्मी व पिस्टल के दो लुटेरे
- जबलपुर की सायबर सेल के दो एसआई व आरक्षकों ने आरोपियों से वसूले थे 22 लाख रुपए, तीनों किए गए निलंबित
- आईटी वेबसाइट डेवलपमेंट के नाम पर हुई 54 हजार की ठगी मामले की जांच करने गए थे नोएडा
साइबर केस के नाम पर अवैध वसूली करने के चक्कर में जबलपुर पुलिस बुरी तरह फंस गई। नोएडा से जुड़े साइबर फ्रॉड के एक मामले में जांच को रफा-दफा करने के नाम पर पुलिस द्वारा 22 लाख रुपए रिश्वत लेने का मामला सामने आया है। यूपी पुलिस ने जब मामला उजागर किया तो एमपी पुलिस को अपने दो रिश्वतखोर एसआई और एक आरक्षक को निलंबित करना पड़ा।
यह है पूरा मामला
अक्टूबर में जबलपुर के एक युवक के साथ आईटी वेबसाइट डेवलपमेंट के नाम पर 54 हजार रुपए की ठगी हो गई थी। पुलिस ने इस खाते को सीज करा दिया। इसके बाद जांच का जिम्मा दिया एसआई राशिद खान, पंकज साहू व आरक्षक आसिफ अली। ये तीनों जांच के लिए नोएडा पहुंचे और फ्रॉड से जुड़े बैंक खाते को खंगाला। आईसीआईसीआई बैंक के इस खाते में करीब एक करोड़ रुपए देख पुलिसवालों की आंखें फटी रह गईं।

ये आदेश पत्र जारी हुआ तीनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ
पैसे देखकर आ गई मन में खोट
इनके मन में खोट आ गया। इन्होंने जांच करने के बजाय आरोपियों से संपर्क किया। उनसे कहा कि इसमें एक करोड़ रुपए में है, यह तो वैसे ही जब्त हो जाएगा। हमसे सौदा कर लो, सब निकाल देंगे। जबलपुर स्टेट साइबर सेल में तैनात एसआई राशिद परवेज खान, पंकज साहू और आरक्षक आसिफ अली ने एक करोड़ रुपए के बैंक खाते को फ्री कराने के लिए आरोपियों से 22 लाख रुपए रिश्वत मांगी। यह सुनकर फ्रॉड करने वाले तैयार हो गए लेकिन वे भी कम शातिर नहीं थे।
बैंक से कुछ दूरी पर पुलिस वालों को ही लूट लिया
पुलिसवाले यह सोच रहे थे कि रुपए लेकर फर्जी रिपोर्ट अफसरों को पेश कर देंगे। हुआ यूं कि जैसे ही रुपए लेकर पुलिसवाले जाने लगे तो आरोपियों ने बैंक से कुछ दूरी पर पुलिस वालों को ही लूट लिया। वे नकदी के साथ पिस्टल भी ले गए। यह घटना शुक्रवार को हुई। पुलिसवाले इस लूट से हक्का बक्का रह गए, उन्हें सूझ नहीं रहा था कि वे क्या करें। अफसरों को बताएंगे तो फंसेंगे, नहीं बताएंगे तो पुलिस की लाइसेंसी पिस्टल कहां गई, यह कैसे बताएंगे। मजबूरन एसआई ने लूट की जानकारी जबलपुर में अफसरों को दे दी।
नोएडा पुलिस ने किया खुलासा
नोएडा पुलिस ने पूछताछ के आधार पर कहा कि बदमाश ने बड़ा खुलासा किया कि एमपी से पुलिस वाले 22 लाख की रिश्वत लेने आए थे। आरोपी पुलिस कर्मियों ने कुछ रकम बिटक्वाईन में और शेष रकम नकदी में ली थी। एमपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी की। इसकी जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। सायबर सेल एसपी अंकित शुक्ला ने दोनों एसआई व आरक्षक को निलंबित कर दिया है।
पिस्टल लूट ने सब कुछ गड़बड़ कर दी
रिश्वत देने वालों ने पुलिस की नीयत पहले ही पहचान ली थी और उन्हें यह भी पता था कि पुलिसवाले लुट पिट भी गए तो भी बता नहीं पाएंगें। कारण पूरा पैसा दो नंबर का होगा। लेकिन मामला वहां गड़बड़ा गया जब वे रुपए के साथ में सरकारी पिस्टल भी ले गए। इसके चलते लुटे पिटे पुलिसवालों को मजबूरन वारदात का ब्योरा अपने अफसरों को देना पड़ा। यहीं से पूरी कहानी खुल गई कि ये लूट इनके द्वारा ली गई रिश्वत की रकम के कारण हुई। नोएडा पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज जुटाए हैं।
तीनों पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया
दोनों एसआई राशिद खान व पंकज साहू और आरक्षक आसिफ इनर को निलंबित कर दिया गया है। तीनों को फ्रॉड मामले की जांच करने नोएडा, दिल्ली व गुड़गांव भेजा गया था। पर वहां तीनों ने फ्रॉड करने वालों को धमका कर 22 लाख रुपए की रिश्वत ली। तीनों पर विभागीय कार्रवाई भी होगी।
अंकित शुक्ला, एसपी स्टेट साइबर सेल, जबलपुर जोन