MP में कोरोना वैक्सीन की तैयारी: अधिकारियों के पास नहीं कई सवालों के जवाब, मिलने की उम्मीद में इंदौर में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी की

MP में कोरोना वैक्सीन की तैयारी: अधिकारियों के पास नहीं कई सवालों के जवाब, मिलने की उम्मीद में इंदौर में स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां पूरी की


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इंदौर3 मिनट पहलेलेखक: हेमंत नागले

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प्रतीकात्मक फोटो

शहर में कितने कोरोना वैक्सीन टीकाकरण केंद्र होंगे? कौन सा वैक्सीन लगेगा? नि:शुल्क होगा या नहीं ? इन सवालों के जवाब तो अभी स्वास्थ्य अधिकारियों के पास नहीं हैं। इंदौर सहित प्रदेश में इसके लिए प्रशिक्षण का दौर शुरू हो गया है। जिला टीकाकरण अधिकारी सहित 300 स्वास्थ्य अधिकारियों को प्रशिक्षण मिल चुका है। अब इन्हें 313 ब्लॉक में सिखाना है कि किस तरह कोविड वैक्सीन की कोल्ड चेन मेंटेन की जाना है और किन सावधानियों का पालन करना है। हालांकि कोविड के लिए को-विन तो तैयार है। लेकिन सबसे पहले डेवलपमेंट फिर डिस्ट्रीब्यूशन और फिर वैक्सीन किसे लगे इस पर डिसीजन होगा।

कोविड-19 के लिए सभी एजेंसियां अपने-अपने स्तर पर कार्य कर रही है। इंदौर सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग डब्ल्यूएचओ सहित सभी एजेंसियों ने एक साथ दो दिन ऑनलाइन चर्चा भी की है। इतना ही नहीं वैक्सीन प्रदेश में किस तरह से आएगी, उसका पूरा प्लान भी बनाया है। प्रदेश में कौन-कौन से वैक्सीन आ सकते हैं। अब इसे भी देखना होगा।

पहला वैक्सीन : बाएं कंधे पर लगने वाला वेबसाइट जिसे इंटर डर्मल कहा जाता है, जिसे आम लोग बीसीजी के नाम से जानते हैं। यह 1 एमएल की सिरिंज से लगाया जाता है, इसे लगाने में जहां .5 एमएल लगेगा और यह 15 डिग्री के कोण में लगाया जाता है।
दूसरा वैक्सीन : जिसे इंजेक्शन के स्वरूप में लगाया जाता है और इसे इंटर मस्कुलर कहा जाता है जो कि कंधे पर लगता है। यह 1 एमएल की सिरिंज से लगाया जाता है।

तीसरा वैक्सीन : यह एमआर एक्सिन, जिसे चमड़ी के नीचे लगाया जाता है, इसे अंतर बच्ची भी कहा जाता है इसे भी पॉइंट .5 एमएल की सिरिंज में लगाया जाता है।

एडिशनल डायरेक्टर राज्य टीकाकरण अधिकारी और कोविड-19 नोडल अधिकारी संतोष शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में जो चार बड़े शहर हैं, जहां अलग-अलग प्रकार से वैक्सीन पहुंचाई जानी है, वहीं पर सुविधा के अनुसार रेलवे और सड़क मार्ग के जरिए भिजवाया जाएगा। इंदौर और भोपाल में तो यह प्लेन के जरिए आएगी, लेकिन इसके बाद सड़क और रेल मार्ग के जरिए इसका डिस्ट्रीब्यूशन होगा।

कोविड-19 नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया कि इंदौर को जिस वक्त वैक्सीन मिलेगी, उसे लेकर इंदौर स्वास्थ्य विभाग ने पूरी तैयारियां कर ली है। यहां पर 29 आईएलआर (आईस लाइंड) रेफ्रीजरेटर आएं हैं, जिनकी क्षमता 99 लीटर है। जिले में पहले ही 7728 लीटर के डीप फ्रीजर हैं और 5377 आईएलआर लीटर के अन्य फ्रीजर हैं। सभी डीप फ्रीजर का तापमान – 8 डिग्री रखा जाएगा। पूरे जिले में लगभग 40 फोकल प्वाइंट हैं, जिसमें शहर में 18 और ग्रामीण में बारिश पॉइंट बनाए गए हैं। राज्य शासन द्वारा जिले को जब वैक्सीन दी जाएंगी तो इन फोकल प्वाइंट से उन्हें वितरण किया जा सकता है।
पहले चरण में बच्चों को नहीं लगेगी वैक्सीन

डब्ल्यूएचओ के एक अधिकारी ने बताया कि हेल्थ केयर वर्कर, जिन्हें आगे जाकर टीका लगाना है, सबसे पहले उन्हें प्रोटेक्ट करना है। यह आंकड़ा करीब 1 करोड़ है। इसके बाद डॉक्टर, एनएम, स्टॉफ नर्स सहित हॉस्पिटल कर्मियों को लगेगा। यह पहले चरण का फर्स्ट पार्ट है। इसी चरण के दूसरे पार्ट में इसेंसियल वर्कर जैसे पुलिस, नगर निगम सहित जो आवश्यक सेवाओं में लगे हैं, उन्हें लगना है। इनका आंकड़ा करीब 2 करोड़ है। वहीं, तीसरे पार्ट में 50 साल से बड़े व्यक्ति आएंगे। क्योंकि डाटा के हिसाब से सबसे ज्यादा मौतों को आंकड़ा 50 साल से ऊपर वालों का ही है। इसमें भी सबसे पहले यह देखा जाएगा कि 60 साल से ऊपर वाले जो लोग हैं, जिन्हें शुगर, बीपी जैसी बीमारी है, उन्हें टीका दिया जाएगा। इसके बाद आएगा दूसरा चरण, जिसमें 50 साल से छोटे व्यक्तियांे को लगाया जाएगा। ऐसा नहीं है कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों को टीका नहीं लगेगा। पहले चरण में बच्चे नहीं वैक्सीन लगने की कड़ी में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वैक्सीन आती जाएगी, उस हिसाब से वैक्सीनेशन होता जाएगा।

24 तक ब्लॉक स्तर के अधिकारियों का प्रशिक्षण
राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोष शुक्ला ने बताया कि पहले चरण में प्रशिक्षण सत्र संचालित किए जा रहे हैं। इसके बाद हर जिले से प्लान मांगा जा रहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कितने टीकाकरण केंद्र बनाए जाएं। ब्लॉक स्तर के अधिकारियों का प्रशिक्षण शुरू हो चुका है। यह 24 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद फ्रंट लाइन वर्कर्स की ट्रेनिंग होगी, यानी 31 दिसंबर तक हम सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे चुके होंगे। जनवरी में व्यवस्थाओं को लेकर प्लान बनाया जाएगा। गौरतलब है कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत जहां वैक्सीन रखा जाता है, वहीं कोविड-19 का वैक्सीन भी रखा जाएगा। कोल्ड स्टोरेज की पर्याप्त व्यवस्था हर जिले में है।

वैक्सीन टीकाकरण के लिए जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति गठित
राज्य शासन के आदेश के बाद कोविड-19 वैक्सीन के प्रबंधन के लिए कलेक्टर मनीष सिंह की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है। इसमें कलेक्टर अध्यक्ष, विजय खत्री, हिमांशु चंद्र, अजय देव शर्मा, संतोष टेगौर, डॉ. संजय दीक्षित, डॉ. देशराज जैन, डॉ. पूर्णिमा गड़रिया, समस्त एसडीएम, डॉ. सीएल पासी, राजेन्द्र कुमार मकरानी, प्रवीण उपाध्याय, जोसेफ वक्सला, सुचिता तिर्की, सुमित रघुवंशी, डॉ. सौम्या, प्रभात दूबे, केके रायखेरे, बृजकांत शुक्ला, तारा पारगी, डॉ. प्रकाश गढ़वाल, डॉ. जयदीप लोचाम, मनोज श्रीवास्तव, डॉ. राकेश गुप्ता, आरके जोशी, सुनील उदिया, आरसी मीणा, प्रमोद शर्मा, डॉ. राहुल श्रीवास्तव, डॉ. शिवाजीराव होलकर, डॉ. राजीव सिंह, समस्त प्राचार्य नर्सिंग महाविद्यालय, डॉ. अशोक शर्मा, डॉ. सतीश जोशी, डॉ. रमेश तिवारी, डॉ. मुरली अरोरा, डॉ. सुधीर सोनी, डॉ. मौसम जायसवाल, डॉ. विनोद अरोरा, डॉ. प्रमोद जैन, अमोल ठाकुर को सदस्य मनोनीत किया गया है। डॉ. तरुण गुप्ता को समिति का सदस्य सचिव मनोनीत किया गया है।



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