ओरछा में राजा राम की बारात ठाठ-बाट से निकाली गई.
मध्य प्रदेश के ओरछा में विवाह पंचमी पर राजा राम सरकार की बारात देखते ही बनती थी. पूरे तीन दिनों तक ओरछा में कार्यक्रम आयोजित किए गए. परंपरा के मुताबिक राजा राम सरकार को सजाया गया और फिर मां जानकी के साथ उनका विवाह हुआ.
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December 20, 2020, 9:44 AM IST
विवाह से पहले भगवान राम को परंपरा के मुताबिक तेल चढ़ाया गया, हल्दी चढ़ाई गई और फिर हल्दी का उब्टन लगाया गया. बाकायदा दूल्हे की तरह भगवान श्रीराम का श्रंगार हुआ और फिर वे चले चांदी की पालकी में मां सीता से विवाह करने. जानकी मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह संपन्न हुआ. बाराती झूमते नाचते गाते हुए नगर में निकले. लोगों ने हर जगह भगवान की बारात की आरती उतारकर और तिलक लगाकर स्वागत किया. जैसे ही भगवान राम की बारात मंदिर से बाहर निकली तो सबसे पहले पुलिस जवानों द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
सिर्फ यही मंदिर जहां श्री राम को राजा के रूप में पूजा जाता हैगौरतलब है कि ओरछा देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान श्रीराम को राजा के रूप में पूजा जाता है. जब से भगवान राम अयोध्या से ओरछा आए तब से यहां भगवान श्रीराम को राजा के रूप में पूजा जाता है. इसलिए भगवान श्रीराम को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाता है. संवत् 1631 में ओरछा की रानी कुंवर गणेश भगवान श्रीराम को पुख नक्षत्र में पैदल चलकर ओरछा लाईं थीं तब से लेकर आज तक यहां भगवान श्री राम के जन्म उत्सव से लेकर विवाह कार्यक्रम बड़ी ही धूमधाम से मनाए जाते हैं.